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यह घटना कटिहार जिले की है, जहां कक्षा 6 के दो छात्रों आशीष कुमार और गुरुचरण विश्वास ने 15 सितंबर को उनके बैंक खातों में 6,20,11,100 रुपये और 90,52,21,223 रुपये जमा हुए।
दोनों बच्चे बघौरा पंचायत के पस्तिया गांव के रहने वाले हैं। इनके बैंक खाते उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में हैं।
कटिहार के जिलाधिकारी उदयन मिश्रा ने भी पुष्टि की कि बच्चों को मोटी रकम मिली है।
मिश्रा ने कहा, दो बच्चों के खातों में बड़ी राशि जमा की गई। मिनी स्टेटमेंट में राशि देखी जा सकती है। बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया जा रहा है।
उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के एलडीएम, एमके मधुकर ने कहा , जैसे ही हमें दो बच्चों के खातों में पैसे जमा होने के बारे में पता चला, हमने खातों को फ्रीज कर दिया और निकासी बंद कर दी। जब बच्चों के माता-पिता से पूछताछ की गई, तो वे भी फंड के स्रोत का खुलासा करने में असमर्थ थे। अब, हम यह पता लगाने के लिए मामले की जांच कर रहे हैं कि भेजने वाला कौन है।
इससे पहले बिहार के खगड़िया जिले के रंजीत दास नाम के एक शख्स को भी उसके उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक खाते में साढ़े पांच लाख रुपये मिले थे।
दास ने बैंक को पैसा वापस करने से इनकार करते हुए दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रत्येक नागरिक को अपने बैंक खातों में 15 लाख रुपये देने का वादा किया था। उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी पहली किस्त मिल गई है।
दास ने आगे कहा कि उन्होंने खाते से पैसे निकाल कर खर्च कर दिए थे। अब उनके पास पैसे नहीं हैं। जब उन्होंने राशि वापस करने में असमर्थता दिखाई, तो बैंक अधिकारियों ने दास के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की और उन्हें खगड़िया पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अब वह जेल में बंद है।
--आईएएनएस
एचके/आरजेएस
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