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यूपी पुलिस ने इसका पता तब चला, जब उन्होंने लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र में एक एटीएम से 39.58 लाख रुपये चोरी करने के आरोप में चार युवकों को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने उनके कब्जे से 9.13 लाख रुपये बरामद किए हैं। पुलिस अब गैंग के सरगना मिश्रा की गिरफ्तारी में जुट गई है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एटीएम चोरी के आरोपियों का पता लगाने के लिए यूपी पुलिस ने 1,000 सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल डेटा और लखनऊ के आसपास के 20 से अधिक टोलों की जांच की।
अधिकारी ने कहा, जांच के दौरान एटीएम के पास घर से एक सीसीटीवी फुटेज मिला। नीले रंग की एक कार का पता चला, जिससे बदमाश शहर में घुसे थे और भाग गए थे।
इसके बाद टीम बिहार के सीतामढ़ी में उसके मालिक के पास पहुंची। इस बीच, यूपी पुलिस की एक और टीम ने उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर रोड पर उसी कार को रोका और चारों को गिरफ्तार कर लिया।
गोल्फ सिटी के एसएचओ शैलेंद्र गिरी ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक नीरज गैंग का स्थायी सदस्य था और उसके खिलाफ पांच मामले दर्ज थे।
गिरी ने कहा, नीरज ने खुलासा किया कि उसने मिश्रा से एटीएम को तोड़ने के बारे में ट्रेनिंग ली थी।
सूत्रों ने कहा, बेरोजगार युवाओं को उत्तर प्रदेश से छपरा लाया जाता है और तीन महीने का एटीएम क्रैश कोर्स के तहत नई तकनीक से एटीएम को तोड़ना सिखाया जाता है। इसमें बताया जाता है कि कैसे पहचान छिपाने के लिए एटीएम बूथ में लगे कैमरों पर मिस्टी लिक्विड स्प्रे करें और 15 मिनट के अंदर एटीएम के कैश बॉक्स को काटकर बच निकलकर भाग जाए।
प्रशिक्षण के बाद 15 दिन का लाइव डेमोस्ट्रेशन भी कराया जाता है।
अधिकारी ने कहा, 15 मिनट या उससे कम समय में कार्य पूरा करने वाले सदस्यों को ही फील्ड पर भेजा जाता है।
पुलिस ने कहा कि देश भर में पिछले एक साल में गैंग द्वारा ऐसे 30 से अधिक मामले किए गए हैं।
--आईएएनएस
पीके/सीबीटी
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