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भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं लोकसभा सांसद राजकुमार चाहर ने पंजाब की आप सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की भगवंत मान सरकार को बने हुए डेढ़ महीने से ऊपर हो गया है और 1 अप्रैल के बाद से अभी तक पंजाब में विभिन्न जिलों में 20 किसान आत्महत्या कर चुके हैं, लेकिन किसानों की हितैषी होने के बड़े-बड़े दावे करने वाली आम आदमी पार्टी की सरकार ने या उनके किसी नेता ने इन पीड़ित किसान परिवारों को मुआवजा देना तो दूर उनकी सुध तक नहीं ली। पीड़ित परिवारों के घर पर भगवंत मान या उनके विधायक अभी तक नहीं गए हैं।
राजकुमार चाहर ने रविवार को पंजाब के भटिंडा में आत्महत्या करने वाले किसानों के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाते हुए हर संभव सहायता देने का वायदा किया। चाहर ने आत्महत्या करने वाले रमनदीप सिंह एवं जगदीप सिंह के परिवार की दयनीय स्थिति को देखते हुए अपने व्यक्तिगत सहयोग से दोनो के परिवारों को 50-50 हजार रुपये की तत्काल आर्थिक सहायता देने की घोषणा की और साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से पीड़ित परिवारों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक मदद और घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग भी की।
मीडिया से बात करते हुए चाहर ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर किसान नरेंद्र मोदी सरकार के विरोध में एक साल से भी ज्यादा समय तक दिल्ली की सीमाओं पर धरना देकर बैठे रहे, लेकिन किसी भी किसान भाई के ऊपर केंद्र की मोदी सरकार ने लाठी नहीं बरसाई, हमेशा किसान संगठनों के नेताओं को बुलाकर उनसे बातचीत कर मामला सुलझाने का प्रयास किया। लेकिन जब पंजाब में उन्हीं किसान भाइयों द्वारा अपनी खराब हुई फसलों के लिए मुआवजे की मांग की गई तो भगवंत मान सरकार ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर लाठियां बरसा दीं, जिसमें कई किसान बुरी तरह घायल हुए हैं। इसके बाद किसानों को सम्मन भेजे गए, जिससे किसान बुरी तरह डरे हुए हैं।
चाहर ने कहा कि किसानों के नाम पर राजनीति करने वाले, किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर राजनीतिक रोटियां सेंकने वालों से मेरा सवाल है कि पंजाब में हो रही किसानों की आत्महत्याओं पर भगवंत मान सरकार को कब कटघरे में खड़ा करेंगे?
--आईएएनएस
एसटीपी/एसजीके
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