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बिहार में जातीय जनगणना को लेकर तैयारी की जा रही है। इस बीच, सत्ताधारी दल बीजेपी ने सर्वेक्षण में बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमान जैसे विदेशी घुसपैठियों को शामिल नहीं किया जाए जैसी आशंकाओं को फिर से दोहराया है, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इससे किनारा कर लिया है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब पत्रकारों ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल द्वारा इन आशंकाओं को लेकर शनिवार को प्रश्न पूछा गया, तो उन्होंने पता नहीं कहकर निकल गए और इस सवाल से ही किनारा कर लिया।
दूसरी ओर, जब इस संबंध में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से शनिवार को सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, अभी सर्वेक्षण की रूपरेखा तय हो रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने सर्वदलीय बैठक में ही आशंकाओं को लेकर बता दिया है।
उन्होंने कहा कि आज भी इस बात पर बीजेपी कायम है कि सर्वेक्षण के दौरान यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमान जैसे विदेशी घुसपैठियों को शामिल नहीं किया जाए, वरना उन्हें भी वैधता मिल जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि सीमांचल इलाकों में अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि सीमांचल क्षेत्र में ऊंची जाति के शेख मुसलमानों द्वारा आरक्षण का लाभ लेने के लिए खुद के कथित तौर पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से जुड़े होने का गलत दावा किया जाता है और इन विसंगति को भी दूर किया जाना चाहिए।
उन्होंने इसके लिए एक उदाहरण भी दिया। जायसवाल ने कहा कि इससे अन्य पिछड़ों की हकमारी होगी।
बेतिया के सांसद जायसवाल पहले भी इन आशंकाओं को अपने फेसबुक वॉल पर लिख चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि बिहार मंत्रिमंडल ने जाति आधारित गणना को मंजूरी प्रदान करते हुए इसके लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।
--आईएएनएस
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