Home News सरोगेसी पर मोदी सरकार का कड़ा फैसला: शादी नहीं तो बच्चे नहीं
सरोगेसी पर मोदी सरकार का कड़ा फैसला: शादी नहीं तो बच्चे नहीं
किराए की कोख पर सरकार ने कड़ा फैसला लिया है. जानिए क्या हैं सरोगेसी के नए नियम?
द क्विंट
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विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (फोटोः Reuters)
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किराए की कोख पर सख्ती
अगर आप शादी- शुदा नहीं हैं और सरोगेसी के जरिए सिंगल पेरेंट बनना चाहते हैं तो अब ये मुमकिन नहीं.
अब किसी और महिला की कोख किराए पर लेकर सरोगेसी की इजाजत नहीं.
सरोगेसी सिर्फ नजदीकी रिश्तेदार से मान्य.
कमर्शियल सरोगेसी पर पूरी तरह से रोक.
विदेशी, प्रवासी भारतीय, सिंगल पेरेंट्स, लिव-इन-कपल और सम-लैंगिकों को सरोगेसी की इजाजत नहीं
कपल अगर 5 साल तक शादी- शुदा हैं तो ही सरोगेसी से बच्चे की इजाजत.
इस नए कानून के तहत अब शाहरुख खान, आमिर खान और तुषार कपूर के सरोगेसी के तरीके पर पूरी तरह से बैन लगा.
रिश्तेदारों से सरोगेसी में मदद लेने पर सिर्फ मेडिकल खर्चे का भुगतान करना है. अभी ये तय करना बाकी है कि नजदीकी रिश्तेदारें की कैटेगरी में किसे रखा जाएगा.
विदेशी नागरिकों को भारत से सरोगेट बेबी की इजाजत नहीं.
देश में अब नए सरोगेसी क्लिनिक नहीं खुलेंगे.
केंद्रीय कैबिनेट ने मंगलवार को सरोगेसी पर ड्राफ्ट बिल को पास कर दिया है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कैबिनेट मीटिंग के बाद इस बिल पर सरकार का रुख साफ किया. उन्होंने कहा कि,
जो चीज जरूरत के नाम पर शुरू की गई थी अब वो शौक बन गई है.
इसके अलावा दंपतियों को कम से कम 5 साल के लिए शादीशुदा होना चाहिए और अगर आपकी संतान है या गोद ली हुई संतान है तो भी आप सरोगेसी नहीं करा सकते.
केंद्र सरकार इस बिल की मदद से देश में सरोगेसी को कानूनी ढांचे में लाना चाहती है. इस बिल को संसद के शीत सत्र में दोनों सदनों में पेश किया जा सकता है.
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