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(आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल (West Bengal) सरकार को झटका देते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कथित प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच के एकल न्यायाधीश-पीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया।
13 जून को, न्यायमूर्ति अविजीत गंगोपाध्याय की एकल न्यायाधीश- पीठ ने 2014 में पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) द्वारा प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच का आदेश दिया और साथ ही पद के लिए 269 उम्मीदवारों की नियुक्ति को तत्काल रद्द करने का भी आदेश दिया।
16 जून को, डब्ल्यूबीपीईई ने मामले में सीबीआई जांच पर अंतरिम रोक लगाने की मांग करते हुए न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति लपिता बनर्जी की खंडपीठ का रुख किया।
इस मामले में पहली सुनवाई गुरुवार को हुई, लेकिन खंडपीठ ने मामले में चल रही सीबीआई जांच पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया।
अगली सुनवाई 30 जून को होगी, जब मामले के सभी पक्षों को हलफनामे के रूप में अपनी दलीलें देनी होंगी।
गुरुवार को खंडपीठ ने वही सवाल उठाया कि अतिरिक्त अंक केवल उन चुनिंदा उम्मीदवारों को क्यों दिये गए, जिनकी नियुक्तियों को पहले न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने रद्द कर दिया था।
जस्टिस गंगोपाध्याय ने डब्ल्यूबीबीपीई के अध्यक्ष डॉ माणिक भट्टाचार्य को हटाने का आदेश दिया, जो तृणमूल कांग्रेस के विधायक भी है और डब्ल्यूबीबीपीई ने उस आदेश को भी चुनौती दी है।
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