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केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने राजेश और अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ शस्त्र लाइसेंस प्रदान करने, सरकारी भूमि के आवंटन और अतिक्रमित सरकारी भूमि के नियमितीकरण से संबंधित अवैध रिश्वत/रिश्वत की मांग और प्राप्ति के आरोप में मामला दर्ज किया था।
राज्य सरकार के अनुरोध पर एजेंसी की प्रारंभिक जांच के बाद मामला दर्ज किया गया था।
सीबीआई ने पहले गांधीनगर और सूरत और राजमुंदरी (आंध्र प्रदेश) में आरोपियों के परिसरों की तलाशी ली थी, जिसमें कई आपत्तिजनक दस्तावेजी और डिजिटल सबूत बरामद हुए थे।
जांच के दौरान दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया।
चार्जशीट में कहा गया है: जांच के दौरान पाया गया कि पूर्व कलेक्टर के निर्देश पर मेमन के खाते में 98,000 रुपये की कथित रिश्वत राशि जमा की गई थी। उक्त राशि रिश्वत की राशि का हिस्सा थी, जिसकी मांग की गई थी। यह भी पाया गया कि मेमन ने ड्रेस सामग्री बेचने का दावा करने वाले एक निजी व्यक्ति के नाम पर चार फर्जी चालान तैयार किए थे, जबकि उक्त चार चालान किसी अन्य व्यक्ति और एसआईआर के नाम पर थे। जांच अधिकारी के प्रोपराइटर जाली थे।
आगे की जांच जारी है।
--आईएएनएस
आरएचए/एएनएम
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