advertisement
केंद्र ने दो साल की अवधि के लिए शून्य सीमा शुल्क और कृषि अवसंरचना और विकास उपकर पर प्रतिवर्ष कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी के तेल में से प्रत्येक 20 लाख टन की मात्रा के आयात की अनुमति दी है। एक आधिकारिक नोट में मंगलवार को यह जानकारी दी गई।
यह कदम देश में बढ़ती खुदरा और थोक महंगाई के बीच उठाया गया है और सरकार का मानना है कि इससे उपभोक्ताओं को काफी राहत मिलेगी।
अधिसूचना में कहा गया है कि यह अधिसूचना तत्काल प्रभाव से लागू होगी।
भारत अपनी खाद्य तेल जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा आयात के माध्यम से पूरा करता है। हालांकि, यूक्रेन में चल रहे युद्ध के कारण सूरजमुखी के तेल की आपूर्ति कम हो गई है, क्योंकि युद्ध में शामिल दोनों देश - रूस और यूक्रेन इसके प्रमुख उत्पादक हैं।
सरकार ने सप्ताहांत के दौरान पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कम किया। साथ ही इस्पात उत्पादन के लिए आवश्यक कुछ कच्चे माल पर आयात शुल्क में कटौती की और उज्जवला गैस लाभार्थियों के लिए सब्सिडी की घोषणा की।
--आईएएनएस
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)