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ट्रेन (Train) से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर है. करीब 2 साल बाद सेंट्रल रेलवे, ट्रेनों में कंबल, चादर की सुविधा बहाल करने जा रहा है. सेंट्रल रेवले की तरफ से ये जानकारी दी गई है कि 7 अप्रैल से 15 ट्रेनों में ये सुविधा बहाल की जाएगी. लेकिन, सवाल उठता है कि आखिर इतने दिनों तक यात्रियों को इस सुविधा से महरूम क्यों रखा गया?
दरअसल, कोरोना महामारी के चलते रेलवे ने ट्रेनों में कंबल, चादर की सुविधा बंद कर दी थी. रेलवे ने तर्क दिया था कि इससे यात्रियों में कोरोना का संक्रमण बढ़ सकता है. उस समय ट्रेनों की संख्या भी सीमित कर दी गई थीं. लेकिन, अब रेलवे की सेवाएं पूरी तरह से बहाल हो चुकी हैं, बावजूद लिनेन की सुविधाएं अभी भी बंद हैं.
अगर रेलवे ने COVID की वजह से ये सुविधा बंद की थी, तो फिर ट्रेनों में कोरोना गाइडलाइन की रेलवे की तरफ से पालना क्यों नहीं की गई?
अगर रेलवे ने लिनेन की सुविधा नहीं दी, तो टिकटों के मूल्य में कमी क्यों नहीं की?
रेलवे द्वारा एक ही कंपार्टमेंट में 6-6 टिकट क्यों बुक किए गए? क्या इससे लोगों में कोरोना फैलने का डर नहीं था?
ट्रेन की बोगियों में कोरोना गाइडलाइन की दो गज की दूरी का पालन रेलवे द्वारा क्यों नहीं करवाया गया?
अब तो सरकार ने कोरोना की सारी पाबंदियां खत्म कर दी हैं, बावजूद अभी तक सुविधा क्यों नहीं शुरू की गई?
प्रदीप सारस्वत नाम के एक ट्विटर यूजर ने प्रधानमंत्री कार्यालय और रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को टैग करते हुए सवाल पूछा कि टिकट में लिनेन और खाने के चार्ज के बाद भी आपने ये सुविधा क्यों नहीं दी? जबकि, ट्रेन के अंदर वेंडर खाना और कंबल बेच रहे हैं. इसमें कहां अड़चन पैदा हो रही है कि IRCT की ओर से ये सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं?
रेलवे ने कुछ दिन पहले एक आदेश जारी किया कि ट्रेनों में तत्काल प्रभाव से चादर, तकिया, कंबल और पर्दे की सुविधा बहाल की जाए. लेकिन, रेलवे प्रशासन ने तत्काल देने से मना कर दिया. जिसके बाद यात्रियों की तरफ से शिकायत दर्ज कराई गईं. इस पर रेलवे प्रशासन ने जवाब दिया कि 2 साल से कंबल, तकिया, चादर रखे हुए हैं, जिन्हें डिसइंफेक्ट करना जरूरी है, लिहाजा लॉन्ड्री मशीन शुरू करनी होगी. इसके लिए मशीनों का मेंटेनेंस करना होगा और कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ानी होगी. इस पूरी प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है.
सेट्रल रेलवे का कहना है कि एक साथ सभी ट्रेनों में कंबल, चादर और तकिए कि सुविधा बहाल नहीं हो सकती है. इसे धीरे-धीरे करके बहाल किया जाएगा. आज से यानी कि 7 अप्रैल से 15 ट्रेनों में ये सुविधा बहाल की जा रही है.
सेंट्रल रेलवे ने बताया कि सेंट्रल रेलवे जोन में स्थित मुंबई में दो स्टेशनों पर लिनेन वाशिंग सुविधा है. एक कुर्ला लोकमान्य तिलक टर्मिनस पर और दूसरी वाडी बंडेर में हैं. दोनों लॉन्ड्री साल 2020 से कोरोना महामारी के समय से ही बंद हैं.
(12951) मुंबई सेंट्रल-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस
(12953) मुंबई सेंट्रल-हजरत निजामुद्दीन अगस्त क्रांति राजधानी एक्सप्रेस
(12957) अहमदाबाद-नई दिल्ली स्वर्ण जयंती राजधानी एक्सप्रेस
(12915 और 12916) अहमदाबाद-दिल्ली आश्रम एक्सप्रेस
(12952) नई दिल्ली-मुंबई सेंट्रल राजधानी एक्सप्रेस
(12954) हजरत निजामुद्दीन-मुंबई सेंट्रल अगस्त क्रांति राजधानी एक्सप्रेस
(12958) नई दिल्ली-अहमदाबाद स्वर्ण जयंती राजधानी एक्सप्रेस
ऐसी 8 और ट्रेने हैं, जिनमें आज से कंबल, तकिया और चादर की सुविधा बहाल की गई है.
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