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(आईएएनएस)। 7 जुलाई को चीनी स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी ने बाली द्वीप में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) से भेंट के समय कहा कि इस मार्च से चीन और भारत ने संपर्क बनाए रखकर मतभेदों का कारगर नियंत्रण किया। द्विपक्षीय संबंध आम तौर पर बहाल हो रहे हैं।
वांग यी ने कहा कि चीन और भारत के समान हित और मिली जुली मांग है। वर्तमान जटिल अंतरराष्ट्रीय परिस्थिति में चीन और भारत जैसे बड़े देशों को रणनीतिक स्थिरता बनाए रखते हुए निर्धारित लक्ष्य के मुताबिक अपना-अपना विकास व पुनरुत्थान पूरा करना और विश्व के भविष्य के लिए अधिक बड़ा योगदान देना चाहिए । हमें द्विपक्षीय संबंधों को यथाशीघ्र ही सामान्य पटरी पर लौटने को बढ़ाना चाहिए।
वांग यी ने कहा की चीन भारतीय पक्ष द्वारा हाल ही में चीन में आयोजित ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन और वैश्विक विकास उच्च स्तरीय वातार्लाप का सक्रिय समर्थन करने की तारीफ करता है। हम भी भारत का अगले साल अध्यक्ष देश के रूप में जी20 और एससीओ कार्यक्रम करने का समर्थन करेंगे। चीन और भारत को समन्वय मजबूत कर एक साथ कोशिश करनी चाहिए, ताकि अंतरराष्ट्रीय संबंध अधिक लोकतांत्रिक हों ,अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था अधिक न्यायपूर्ण हो, विकासशील देशों की आवाज अधिक बुलंद हो और उन के न्यायोचित हितों की अच्छी सुरक्षा की जाए।
वही भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा इस मार्च से दोनों पक्षों ने सीमा क्षेत्र की स्थिरता की सुरक्षा करने, व्यावहारिक सहयोग बढ़ाने और लोगों की आवाजाही की सुगमता में सकारात्मक प्रगति प्राप्त की है ।भारत एक सकारात्मक, सहयोगी व रचनात्मक भारत-चीन संबंधों की प्रतीक्षा करता है। भारत चीन के साथ समान कोशिश कर स्पष्ट संकेत भेजकर संबंध सुधारने की प्रक्रिया आगे बढ़ाने को तैयार है। अंतरराष्ट्रीय मामलों में भारत रणनीतिक स्वतंत्रता पर कायम रहेगा।
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