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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी नेता डॉ. कुमार विश्वास शुक्रवार को रोम के लिए रवाना हो गए. सीएम केजरीवाल मदर टेरेसा को संत घोषित किए जाने के लिए आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम में शामिल होने रोम गए हैं.
4 सितंबर को रोम क वेटिकन सिटी के सेंट पीटर्स स्क्वायर में आयोजित किए जा रहे कार्यक्रम में मदर टेरेसा को संत की उपाधि दी जाएगी.
अल्बानिया में जन्मी अग्नेसे गोंकशे बोजशियु 1928 में नन बनने के बाद सिस्टर टेरेसा बन गईं थी. इसके बाद 1937 में उन्होंने गरीबी, शुद्धता और आज्ञाकारिता के जीवन को चुना और लॉरेटो नन की प्रथा के मुताबिक, ‘मदर’ की उपाधि ली. भारत में भावनात्मक लगाव के कारण ही उन्हें मदर टेरेसा बुलाया जाता है.
संत चुने जाने की प्रक्रिया को ‘केननिजैषण’ कहा जाता है. यह प्रक्रिया उम्मीदवार की मौत के 5-50 साल के भीतर शुरू की जा सकती है. साल 1999 में पोप जॉन पॉल द्वितीय ने सामान्य पांच साल के इंतजार को खत्म करते हुए मदर टेरेसा के लिए ‘कैननिजैषण’ की इजाजत दे दी थी क्योंकि उन्हें ‘जीवित संत’ माना जाता है.
भारत से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ 11 सदस्यीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडर रोम जा रहा है. इसके अलावा दिल्ली के सीएम केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के अलावा कई दूसरे नेता भी जा रहे हैं.
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