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उत्तर भारत के युवाओं के रोजगार के ‘योग्य नहीं होने’ संबंधी केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार के बयान को ‘शर्मनाक’ करार देते हुए कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि इस बयान के लिए गंगवार माफी मांगें या फिर यह स्पष्ट करें कि यह नरेंद्र मोदी सरकार की नीति है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘देश में रोजगार मंत्री की यह जिम्मेदारी होती है कि रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएं। लेकिन अगर देश का श्रम एवं रोजगार मंत्री यह कहे कि देश के युवा नकारा हैं तो फिर क्या कहेंगे?’’
उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ 2018 में ही एक करोड़ से ज्यादा लोगों की नौकरी चली गई, जबकि इन्होंने हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा किया था। रोजगार की स्थिति बहुत खराब है। स्थिति भयावह हो चुकी है।’’
शुक्ला ने कहा कि मंत्री इस ‘शर्मनाक’ बयान के लिए माफी मांगें या फिर स्पष्ट करें कि यह उनकी सरकार की नीति है।
कांग्रेस नेता ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए सवाल किया कि जब उद्यमी पूंजी देश से बाहर लेकर जा रहे हैं तो यहां रोजगार कैसे सृजित होंगे?
उन्होंने दावा किया, ‘‘आज भारत के जीडीपी के विकास की दर पाकिस्तान से नीचे चली गई है और रुपया बांग्लादेश की मुद्रा टका से प्रतिस्पर्धा कर रहा है। यह हालत हो गई है। लगता है कि सरकार का नेतृत्व आर्थिक संकट को गंभीरता से नहीं ले रहा है। सरकार सिर्फ बयानबाजी, भाषण और विज्ञापन में लगी है।’’
गौरतलब है कि गत शनिवार को गंगवार ने कहा कि देश में रोजगार के अवसरों की कोई कमी नहीं है लेकिन उत्तर भारत में आने वाले नियोक्ताओं की शिकायत है कि रिक्तियां भरने के लिये “योग्य लोगों” की कमी है।
गंगवार के इस बयान पर विपक्षी नेताओं ने पलटवार किया। विपक्ष ने उन पर उत्तर भारत के लोगों के अपमान का आरोप लगाया।
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