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इस वीडियो ने एक और विवाद खड़ा कर दिया है कि एक विचाराधीन कैदी को जेल के अंदर शानदार सुविधाएं क्यों मुहैया कराई जा रही हैं।
शनिवार को सार्वजनिक हुए वीडियो में जैन को जेल अधीक्षक से बात करते हुए देखा जा सकता है, जिन्होंने उनसे मुलाकात की थी।
फिलहाल तिहाड़ जेल ने लीक हुए वीडियो पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
मामला क्या है?
ईडी ने विभिन्न संदिग्धों के खिलाफ सीबीआई की एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की, जिसमें उदय शंकर अवस्थी, एमडी इफको, पंकज जैन, ज्योति ट्रेडिंग कॉरपोरेशन के प्रमोटर और रेयर अर्थ ग्रुप, दुबई, अमरेंद्र धारी सिंह और अन्य शामिल हैं। मामले में सत्येंद्र जैन को भी आरोपी बनाया गया है।
उन पर कथित रूप से एक आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी और आपराधिक कदाचार करने का आरोप लगाया गया है।
ईडी को जांच के दौरान पता चला कि इफको में अवस्थी और अन्य ने अपराध की आय अर्जित की और इसे विभिन्न असंबंधित संस्थाओं के माध्यम से हस्तांतरित कर दिया गया।
आरोपों में भारत के बाहर पंजीकृत कई संस्थाओं (आरोपी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित) के माध्यम से नकली वाणिज्यिक लेनदेन के एक जटिल वेब के जरिए माध्यम से विदेशी आपूर्तिकतार्ओं से अवैध कमीशन प्राप्त करना शामिल है, ताकि धोखाधड़ी वाले लेनदेन को वास्तविक रूप में दिखाया जा सके।
ईडी ने कहा, अवस्थी (अमोल अवस्थी और अनुपम अवस्थी के पिता) और परविंदर सिंह गहलौत (विवेक गहलौत के पिता) इफको के प्रबंध निदेशक और आईपीएल (यू.एस. अवस्थी) के निदेशक और प्रबंध निदेशक के रूप में अपनी स्थिति के आधार पर उर्वरक उद्योग में काफी प्रभावशाली हैं।
ईडी को जांच में यह भी पता चला है कि अवैध तरीकों से भारत में संजय जैन द्वारा 37.12 करोड़ रुपये और 6.18 मिलियन अमरीकी डालर की राशि प्राप्त की गई।
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने जैन के बिजनेस पार्टनर ए.डी. सिंह और आलोक कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया था, जिनके साथ उसके व्यापारिक संबंध थे। सिंह ने अवैध तरीकों से दुबई से 27.79 करोड़ रुपये भी प्राप्त किए थे। जैन और सिंह दोनों ने भारत में अपराध की आय प्राप्त करने के लिए अग्रवाल द्वारा प्रदान किए गए वाहन का उपयोग किया।
ईडी ने छह आरोपियों के खिलाफ 2021 में एक विशेष अदालत के समक्ष अभियोजन शिकायत भी दर्ज की थी।
--आईएएनएस
पीजेएस/एसकेपी
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