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दिल्ली में चार साल के लड़के पर रेप का आरोप, पुलिस  उलझन में  

दिल्ली में चार साल के लड़के  पर रेप के आरोप से सनसनी 

दीपक के मंडल
क्राइम
Published:
प्रतीकात्मक फोटो 
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प्रतीकात्मक फोटो 
फोटो : istock 

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दिल्ली के नामी प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले चार साल के लड़के पर रेप का आरोप लगाया गया है. लड़के के क्लास में पढ़ने वाली एक हमउम्र लड़की ने अपनी मां से शिकायत की थी उसके प्राइवेट पार्ट में उसने अंगुली और नुकीली पेंसिल घुसेड़ दी. लड़की की मां ने कहा कि उसकी बेटी के प्राइवेट पार्ट में काफी चोट आई है. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक डीजीपी ने बताया कि इस मामले में कानूनी विशेषज्ञों की राय ली गई थी. फिर इसके बाद पॉक्सो कानून के तहत रेप का केस दर्ज किया गया.

हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक बच्ची की मां की ओर से दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि घटना के दिन उसकी बेटी ने पेट के निचले हिस्से में दर्द की बार-बार शिकायत की. पहले तो उसने इस नजरअंदाज करना चाहा. उसे लग रहा था कि बच्ची नखरे कर रही है, लेकिन रात में बच्ची ने रोना शुरू कर दिया और उसने अपने साथ हुई घटना के बारे में उसे बता दिया. बच्ची ने मां को बताया कि लड़के ने उसकी पैंट खोल दी और उसके प्राइवेट पार्ट में उंगुली घुसाई. बच्ची ने उसे पीछे धकेलने की कोशिश की लेकिन खुद को बचा नहीं पाई क्योंकि वहां और कोई बच्चा नहीं था. स्कूल का कोई स्टाफ भी वहां नहीं था.

एफआईआर के मुताबिक बच्ची की मां ने उसी रात स्कूल टीचर को टेक्स्ट मैसेज कर घटना की जानकारी दी. उन्होंने स्कूल को भी इस बारे में कई बार जानकारी दी लेकिन स्कूल प्रशासन ने कोई सहयोग किया. उल्टे उन्हें सोमवार को लिखित शिकायत करने को कहा गया .

इस बीच, जब बच्ची का पेट दर्द ठीक नहीं हुआ तो उसे अस्पताल ले जाया गया. वहां बच्ची का इलाज करने के बाद मेडिकल रिपोर्ट तैयार की गई.इसके बाद पुलिस केस दर्ज हुआ. बच्ची की मां का आरोप है कि जिस वक्त उनकी बेटी पर हमला हुआ उस समय क्लासरूम में न तो कोई टीचर था और न वॉशरूम में कोई स्टाफ. लेकिन स्कूल के वकील ने उनके आरोप को खारिज करते हुए कहा कि स्कूल में हर वक्त वाशरूम में एक आया होती है.

बहरहाल, पोकसो कानून के तहत रेप का मामला तो दर्ज कर लिया गया है लेकिन यह मामला काफी उलझन भरा और जटिल है. आरोपी बच्चे की उम्र काफी कम होने की वजह से पुलिस अफसर यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि कार्रवाई आगे कैसे बढ़ाई जाए.

आईपीसी में सात साल से कम उम्र के बच्चों के खिलाफ  मामले नहीं चलाए जा सकते. कानून में उन्हें कुछ संरक्षण मिले हैं.  हम कानून के उन प्रावधानों को देख रहे हैं. लेकिन हम मामले को भी पूरी संवेदनशीलता के साथ देख रहे हैं.
दिल्ली पुलिस के मुख्य प्रवक्ता दीपेंद्र पाठक का हिंदुस्तान टाइम्स को दिया गया बयान 

देश में शायद यह पहला मामला होगा, जब चार साल के बच्चे के खिलाफ रेप का आरोप लगाया गया है. ऐसी घटनाएं नामी-गिरामी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर लापरवाह रवैये की भी बानगी पेश कर रही हैं. साथ ही शहरों मे बदलते सामाजिक माहौल की ओर भी इशारा कर रही हैं.

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