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अलीगढ़ जहरीली शराब कांड: क्या मौत के असल आंकड़ों को छिपाया जा रहा?

इस मामले में 17 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें से दो पूरे कांड के मास्टरमाइंड बताए जा रहे हैं.

अभय कुमार सिंह
क्राइम
Published:
Aligarh hooch tragedy: अलीगढ़ जहरीली शराब कांड में मौत के आंकड़ों को छिपाने में किसका फायदा?
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Aligarh hooch tragedy: अलीगढ़ जहरीली शराब कांड में मौत के आंकड़ों को छिपाने में किसका फायदा?
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अलीगढ़ जहरीली शराब कांड में मौत के आंकड़ों पर बड़ा सवाल है. जिला प्रशासन कुछ और आंकड़ा दे रहा है, सीएमओ कुछ और राय रख रहे हैं तो जिले से बीजेपी सांसद सतीश गौतम खुद डीएम और जिला प्रशासन को ही मौतों का जिम्मेदार बता रहे हैं. इन सबके बीच अलीगढ़ में जहरीली शराब से हुई इस बड़ी त्रासदी के आंकड़ों की सटीक जानकारी नहीं मिल पा रही है. साथ ही इन अधिकारियों और शासन-प्रशासन के समन्वय पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं.

31 मई की दोपहर को जिले के सीएमओ डॉक्टर बीपीएस कल्याणी ने बताया कि 71 शवों का पोस्टमार्टम कराया जा चुका है. 36 लोगों की मौत जहरीली शराब की वजह से कंफर्म है, वहीं 35 लोगों की मौत की वजह विसरा रिपोर्ट के बाद ही कंफर्म की जा सकेगी.

इस बीच कुछ परिवार तो ये आरोप लगा रहे हैं कि बिना पोस्टमार्टम जबरन अंतिम संस्कार करवाने को मजबूर किया गया है.

दैनिक भास्कर, अमर उजाला जैसे अखबारों ने स्थानीय संवाददाताओं के हवाले से बताया है कि अलीगढ़ जहरीली शराब कांड में 70 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. ताजा अपडेट ये है कि जहरीली शराब कांड के एक के बाद एक ऐसे मामले मिलने के बाद आबकारी आयुक्त पी गुरु प्रसाद को हटा दिया गया है.

विपक्षी पार्टियों का आरोप- नंबर मैनेज करने में जुटी है सरकार

विपक्षी पार्टियां कांग्रेस और समाजवादी पार्टी, दोनों ही सरकार पर मौत के 'नंबर मैनेज' का और शराब माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगा रही हैं.

जहरीली शराब से मौत का आकंड़ा बढ़ता जा रहा है.सरकार शराब माफिया पर कार्रवाई करने की बजाय मौत की संख्या मैनेज करने में लगी हुई है.सरकार के रवैये से साफ है कि शराब माफ़िया सरकार के संरक्षण में मौत का काला कारोबार कर रहे हैं.योगी आदित्यनाथ सरकार गरीबों की जान से खेलना बंद करिये.
कांग्रेस

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू का दावा है कि इस साल के महज 5 महीने में ,11 जिलों में 115 से अधिक लोगों ने जहरीली शराब से जान गंवा दी है लेकिन शराब के सिंडिकेट को सरकार खत्म कर पाने में नाकाम दिख रही है.

पुलिस, आबकारी अधिकारियों पर कार्रवाई कर सरकार मौन हो जाती है, जांच का पता नहीं चलता. गांवो में शराब सिंडिकेट खत्म नहीं होता,अंतत: मौतें थमती नहीं.
अजय कुमार लल्लू, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस

इस कांड में हुई मौतों को छिपाने का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी ने कहा है कि बीजेपी सरकार ने अपने कुशासन से लोगों को अकाल मृत्यु मार उन्हें महज एक नंबर बना कागजी कर दिया है.

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यूपी के आबकारी मंत्री कहा हैं?

यूपी के आबकारी और मद्यनिषेध मंत्री राम नरेश अग्निहोत्री जिनके विभाग का ये पूरा मामला है, वो इस बड़ी त्रासदी से 'दूर' दिखाई दे रहे हैं. एक तरफ अलीगढ़ से सांसद सतीश गौतम, जिले के डीएम, पुलिस विभाग जहरीली शराब कांड मामले में ट्विटर पर या तो अपडेट दे रहे हैं या बता रहे हैं कि वो मदद के लिए कहां-कहां पहुंच रहे हैं. लेकिन आबकारी मंत्री के ट्विटर अकाउंट पर पिछले 3-4 दिनों में महज जन्मदिवस की बधाई स्वीकार करने वाले मैसेज हैं.

ऐसे में क्विंट हिंदी कुछ परिवारों के दर्द यहां साझा कर रहा है जिससे कि किसी नेता, विधायक, मंत्री को अगर इस कांड से हुए मानवीय त्रासदी की खबर न हो तो वो जान सके-

  • अलीगढ़ जिले रायट गांव में अंग्रेज नाम के शख्स की मौत इसी देसी शराब से हुई है. शुक्रवार को इनकी बेटी की शादी होनी थी. अब मजबूरी में ग्रामीणों ने घर से दूर इस बेटी की शादी कराई. गांव में नौ लोगों की मौत से मातम पसरा हुआ है.
  • करसुआ गांव की पुष्पा बताती हैं कि उनके बेटे राजेश की जहरीली शराब पीने से मौत हुई है.- मेरे गांव के काफी लोग खत्म हो गए हैं. प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया. देसी शराब पीने के बाद दिक्कत हुई. जिसके बाद उनको हम लोग हॉस्पिटल ले गए. जहां बेटे ने दम तोड़ दिया.- पुष्पा, मृतक की मां
  • करसुवा गांव के ही मृतक अजय के भाई विजय बताते हैं कि गांव में मौत का सिलसिला दो दिन से चल रहा है. विजय का कहना है कि परसों रात को मेरे भाई ने पिया था. कल तक ठीक था लेकिन रात से तबीयत बिगड़ गई. आज सुबह किसी तरह पोस्टमार्टम हुआ है. बड़े लोग केवल मौत छिपाने में लगे हैं

गाज और कार्रवाई

28,29,30,31 मई को लगातार मौत की खबर आती गई. सोमवार यानी 31 मई को आबकारी विभाग के आयुक्त पी गुरुप्रसाद को हटा दिया गया है. संयुक्त आबकारी आयुक्त, आगरा जोन रवि शंकर पाठक और उप आबकारी आयुक्त, अलीगढ़ मंडल को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया और विभागीय कार्रवाई चल रही है. कुल 7 अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई. 10 से ज्यादा पुलिसकर्मी भी इस मामले में सस्पेंड किए जा चुके हैं.

कार्रवाई की बात करें 31 मई को एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि इस मामले में 17 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें से दो इस पूरे कांड के मास्टरमाइंड हैं. एक फैक्ट्री पर छापेमारी कर भारी संख्या में बोतल, रेपर औऱ दूसरे आइटम बरामद किए गए. अलीगढ़ के कमिश्नर गौरव दयाल ने बताया कि अवैध शराब का निर्माण करने वाली दो और फैक्ट्रियों को 30 मई से अब तक पकड़ा गया है और कारोबारियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है. इसमें जितने लोग शामिल थे उनकी संपत्ति की भी जांच की जाएगी.

27 मई को गांववालों ने पी थी देसी शराब

अलीगढ़ के सात गांवों में गुरुवार रात बड़ी संख्या में लोगों ने देशी शराब का सेवन किया. इनमें से अधिकांश तो अलीगढ़ के लोग थे जबकि बड़ी संख्या में ट्रक चालक भी थे, जो कि एचपी बॉटलिंग प्लांट में गैस सिलेंडर लेने आए थे. शुक्रवार को जहां 17 लोगों की मौत हो गई थी, शनिवार को मृतकों की आधिकारिक संख्या बढ़कर 22 हो गई है.अलीगढ़ के लोधा, खैर और जवां क्षेत्र के लोगों ने गुरुवार शाम अलग-अलग ठेकों से देसी शराब खरीदी थी और देर शाम सेवन किया.

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