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वीडियो एडिटर: मोहम्मद इब्राहीम
यूपी के बलिया में सोमवार रात टीवी पत्रकार की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी. पुलिस का कहना है कि आपसी रंजिश और जमीन विवाद के कारण इस घटना को अंजाम दिया गया है. इस मामले में पुलिस ने नामजद 10 में से 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बलिया पुलिस अधीक्षक के पीआरओ विवेक पांडेय ने बताया कि अन्य आरोपियों की तालाश जारी है.
आजमगढ़ के डीआईजी सुभाष चंद्र दुबे ने बताया कि मामले में 10 आरोपी हैं. इनमें कई मुख्य आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं. जो फरार हैं उनकी तलाश जारी है. उन्होंने बताया कि इस घटना में पत्रकारिता से संबंधित कोई बात शामिल नहीं है. ये पूरी तरह से दो पक्षों के बीच जमीन विवाद का मामला है. पुलिस के मुताबिक, हत्या का कारण 26 दिसंबर 2019 को दोनों पक्षों के बीच हुई मारपीट है. इस मारपीट के बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर एफआईआर भी दर्ज कराई थी.
मामले में कार्यवाही नहीं करने और लापरवाही बरतने के कारण फेफना इंचार्ज इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है. पुलिस ने कहा कि ये सुनिश्चित किया जाएगा कि आरोपियों पर गैंगस्टर और एनएसए के तहत कार्रवाई की जाए.
हत्या के विरोध में पत्रकार प्रदर्शन पर बैठ गए हैं. पत्रकारों की मांग है कि आरोपियों को पकड़कर उनके खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए. पत्रकारों ने आरोपियों को फांसी देने की मांग की है. वहीं, पुलिस के खिलाफ भी पत्रकारों का गुस्सा दिख रहा है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतक पत्रकार के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. सीएम ने पत्रकार के परिजनों को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है.
उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ रहे अपराधों को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर हमला बोला है. प्रियंका ने ट्विटर पर 'यूपी का अपराध मीटर' की फोटो डालते हुए लिखा, "यूपी के सीएम सरकार की स्पीड बताते हैं और अपराध का मीटर उससे दोगुनी स्पीड से भागने लगता है. ये यूपी के केवल दो दिनों का अपराध का मीटर है. यूपी सरकार बार-बार अपराध की घटनाओं पर पर्दा डालती है मगर अपराध चिंघाड़ते हुए प्रदेश की सड़कों पर तांडव कर रहा है."
बीएसपी चीफ मायावती ने भी यूपी में बढ़ रहे अपराधों को लेकर सरकार पर निशाना साधा. मायावती ने ANI से कहा, "उत्तर प्रदेश में हर दिन क्राइम रेट बढ़ रहा है. अब लोकतंत्र के चौथे स्तंभ, हमारे मीडियाकर्मियों को निशाना बनाया जा रहा है. ये दर्शाता है कि राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति दयनीय है."
यूपी के गाजियाबाद में पिछले महीने एक पत्रकार की बेटियों के सामने ही हत्या कर दी गई थी. हमले से कुछ दिन पहले ही उनके परिवार ने भांजी को छेड़ने को लेकर कुछ लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
वहीं, कानपुर में संजीत यादव अपहरणकांड में आरोपियों को समय रहते न पकड़ पाने को लेकर भी सरकार और पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी.
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