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बिहार में अपराध की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. सुशासन का दावा करने वाले नीतीश कुमार के राज्य से एक और हैरान करने वाली घटना सामने आई है.
पूर्णिया (Purnia Bihar) के सरसी थाना के पास 12 नवंबर की शाम पूर्व जिला परिषद सदस्य और वर्तमान जिला परिषद सदस्य के पति विश्वजीत कुमार सिंह उर्फ रिंटू सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई.
इससे हैरान करने वाली बात ये है कि घटना से 10 दिन पहले मृतक ने पुलिस को चिट्ठी लिखकरअपनी जान को खतरा बताया था लेकिन पुलिस पर आरोप है कि कोई कार्यवाही नहीं की गई.
घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने सरसी थाने के पास एनएच 107 को जाम कर दिया और अपराधियों की गिरफ्तारी तक लाश को नहीं उठाने पर आड़े रहे. वहीं आक्रोशित लोगों ने थाने परिसर में आगजनी भी की.
लोगों का आक्रोश देखते हुए मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी. घटना के बाद पूर्णिया पुलिस अधीक्षक दयाशंकर ने परिजनों को समझा कर मृत शरीर को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
सरसी थाना के थाना प्रभारी को निलंबित किया गया
घटना के बाबत पुलिस अधीक्षक दयाशंकर ने कहा कि
आपको बता दें कि रिंटू सिंह पर पिछले दिनों गोली चलाई गई थी और पिछले ही वर्ष चुनाव के दिन इनके परिजन की हत्या कर दी गई थी. मृतक की पत्नी और जिला परिषद सदस्य अनुलिका सिंह ने बताया कि इस घटना के पीछे बिहार सरकार की मंत्री लेसी सिंह का हाथ है और अपने भतीजे अठिया सिंह से हत्या करवाई है.
उन्होने आरोप लगाते हुए कहा कि एक-एक कर वो अपनी राजनीतिक प्रतिद्वंदी कि हत्या करवा रही हैं. उनेहोंने कहा कि "मेरे पति की हत्या भी इसीलिए करवाई क्योंकि वो आगे विधायक पद के लिए खड़ा होना चाहते थे."
घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है जिसके आधार पर पुलिस करवाई कर रही है.
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने घटना के बाद बिहार पुलिस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि
उन्होंने एक और ट्वीट में कहा कि, "बिहार से अच्छा कानून का राज कहीं होगा क्या, जहाँ पुलिस ही नागरिकों और निर्वाचित विपक्षी जनप्रतिनिधियों की हत्या करवाती हो, जहाँ पुलिस ही शराब की तस्करी करती हो, जहाँ पुलिस ही थानों से शराब बेचती हो, जहाँ पुलिस सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता के रूप मेन कार्य करती हो?
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