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सीबीआई ने अवैध खनन के दो अलग-अलग मामलों में 10 जुलाई को यूपी में 12 स्थानों पर छापेमारी की. सीबीआई ने बुलंदशहर, लखनऊ, फतेहपुर, आजमगढ़, इलाहाबाद, नोएडा, गोरखपुर और देवरिया में छापेमारी की. अवैध खनन के मामले बुलंदशहर के जिला अधिकारी अभय कुमार सिंह और देवरिया के पूर्व जिला अधिकारी विवेक और अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं. सीबीआई ने कथित रूप से अभय कुमार सिंह के आवास से 47 लाख रुपये की नकदी बरामद की है. इसके अलावा देवरिया के पूर्व अपर जिला अधिकारी (एडीएम) (अब आजमगढ़ में सीडीओ) देवी शरण उपाध्याय के घर से 10 लाख रुपये बरामद हुए हैं.
सीबीआई ने पूर्व जिला अधिकारी विवेक के संपत्ति से जुड़े दस्तावेज भी सील कर दिए हैं. विवेक अब लखनऊ में प्रशिक्षण और रोजगार विभाग के निदेशक हैं. इस कदम से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए भी परेशानी बढ़ सकती है. अभय कुमार सिंह सीबीआई की नजरों में तबसे हैं जब अखिलेश सरकार में वो फतेहपुर के जिला अधिकारी थे और खनन में अनियमितताएं पाई गई थीं.
वहीं डीएम अभय कुमार सिंह का कहना है कि फतेहपुर में नियमों की अनदेखी कर दिए गए खनन पट्टे, उनके कार्यकाल के पहले या बाद के हैं. डीएम ने मीडिया में चलाई जा रही खबरों को खारिज करते हुए कहा कि 47 लाख रुपये जो उनके घर से बरामद हुए हैं, उनका पूरा ब्योरा दिया गया है.
सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 2012 से 2016 के बीच कुल 22 ठेके जारी किए थे. इनमें से 14 ठेके तब जारी किए गए जब खनन विभाग अखिलेश के पास था और शेष ठेके गायत्री प्रजापति के खनन मंत्री रहने के दौरान जारी किए गए. प्रजापति फिलहाल एक महिला और उसकी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म के मामले में जेल में हैं. सीबीआई ने जून में अमेठी स्थित उनके आवास पर छापा मारा था. सीबीआई ने तब प्रजापति के अमेठी स्थित तीन ठिकानों समेत देशभर में 22 ठिकानों पर छापेमारी की थी.
समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) रमेश मिश्रा और उनके भाई, खनन विभाग में क्लर्क, राम आश्रय प्रजापति, हमीरपुर से अंबिका तिवारी, खनन विभाग के क्लर्क राम अवतार सिंह और उनके रिश्तेदार और संजय दीक्षित मामले के आरोपियों में से हैं.
(इनपुट: IANS)
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