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"अरमान ने मुझे मार डाला"- दर्शन सोलंकी का सुसाइड नोट, चार्जशीट में खुलासा

चार्जशीट में खुलासा हुआ है कि दर्शन सोलंकी की आखिरी बातचीत उसकी मौत से करीब एक घंटे पहले रूममेट के साथ हुई थी.

क्विंट हिंदी
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<div class="paragraphs"><p>दर्शन सोलंकी केस: चार्जशीट में छात्र से आखिरी बातचीत, झगड़े का जिक्र है</p></div>
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दर्शन सोलंकी केस: चार्जशीट में छात्र से आखिरी बातचीत, झगड़े का जिक्र है

(फोटो- नमिता चौहान/क्विंट हिंदी)

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे (IIT Bombay) में 12 फरवरी 2023 को दर्शन सोलंकी नाम के छात्र की खुदकुशी से मौत का मामला सामने आया था. 30 मई को मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने 55 से अधिक बयानों के साथ 473 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की. इसमें पता चला है कि दर्शन सोलंकी (Darshan Solanki) का अपने साथी छात्र अरमान खत्री के साथ पिछले कुछ दिनों में झगड़ा हुआ था और वह डरता था कि उसके दोस्त उसकी जाति के बारे में पता लगा लेंगे.

गुजरात के अहमदाबाद के रहने वाले दर्शन दलित समुदाय से ताल्लुक रखते थे.

Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक चार्जशीट में उसके माता-पिता और बहन, साथी छात्रों, प्रोफेसरों और सहायक प्रोफेसरों के बयान दर्ज किए गए हैं. इसमें सिर्फ अरमान को एकमात्र आरोपी बताया गया है. पुलिस ने चार्जशीट में दावा किया है कि फरवरी में शुरू हुई एक के बाद एक घटनाओं ने उसे कठोर कदम उठाने के लिए उकसाया.

चार्जशीट में उन घटनाओं के बारे में भी बताया गया है, जिनकी वजह से दर्शन की मौत हुई...

जातिसूचक शब्दों की वजह से झगड़ा

पुलिस ने दावा किया कि 9 फरवरी के आसपास, दर्शन ने कथित तौर पर एक सांप्रदायिक टिप्पणी की थी, जिससे खत्री की भावनाएं आहत हुई थीं. हालांकि, चार्जशीट में टिप्पणी के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है.

10 फरवरी को दर्शन ने टेक्स्ट मैसेज के जरिए अरमान को माफीनामा भेजा था. उसने उसे यह भी बताया कि वह संस्थान और शहर छोड़ रहा है.

अरमान ने इन सभी मैसेज का कोई जवाब नहीं दिया था. हालांकि, चश्मदीदों ने कहा कि सोलंकी ने उन्हें बताया कि खत्री ने उसे यह कहते हुए धमकी दी थी कि अगर उसने शहर छोड़ दिया, तो भी वो उसे ढूंढ लेंगा और दूर नहीं जाने देगा.

10 फरवरी को दर्शन सोलंकी ने अरमान से उसके बैग में रखे सामान के बारे में पूछा, तो अरमान ने जवाब दिया कि उसके पास एक पेन, एक किताब और एक पेपर कटर है. पेपर कटर के बारे में पूछे जाने पर अरमान ने कथित तौर पर कहा कि वह किसी से बदला लेना चाहता है.

इस तरह की घटनाओं की वजह से कथित तौर पर दर्शन सोलंकी बिल्कुल डर गया और इसके बाद उसको 11 फरवरी को बुखार हो गया था. चश्मदीदों ने कहा कि अरमान के साथ बातचीत के बाद दर्शन घबरा गया था. दोस्तों ने उससे कहा कि सांप्रदायिक टिप्पणी से किसी को भी बुरा लगेगा और इसमें चिंता की कोई बात नहीं है.

फैमली को कॉल, रूममेट से बातचीत: दर्शन के आखिरी पल

दर्शन सोलंकी मौत से पहले लगभग 12 बजे उसकी आखिरी बातचीत रूममेट के साथ हुई थी, जहां रूममेट ने उसकी उपस्थिति की तारीफ की थी. दोपहर 12.20 बजे उसने अपने परिवार से बात की और उसने बताया कि वह दो दिन बाद घर आएगा और अपने सभी रिश्तेदारों से मिलना चाहता है.

कॉल के करीब 40 मिनट बाद दर्शन की खुदकुशी से मौत हो गई. उन आखिरी के 40 मिनटों में क्या हुआ था... इसके बारे में चार्जशीट में कोई बात नहीं कही गई है.

3 मार्च को दर्शन के कमरे से एक नोट मिला, जिसमें लिखा था...'अरमान ने मुझे मार डाला' इसी नोट के आधार पर उसको गिरफ्तार किया गया था. बाद में अरमान को एक स्पेशल कोर्ट ने जमानत दे दी थी, जिसमें कहा गया था कि एक सुसाइड नोट में सिर्फ आरोप यह निष्कर्ष निकालने के लिए पर्याप्त नहीं थे कि अरमान ने सोलंकी को खुदकुशी के उकसाया.

हालांकि, दर्शन के पिता रमेश सोलंकी ने आरोप लगाया था कि स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (SIT) मुंबई पुलिस जाति से इनकार कर रही थी क्योंकि नोट में एक छात्र का नाम था. उन्होंने पुलिस से मांग की थी कि जातिगत पहचान की वजह से उनके बेटे को होने वाली मुश्किलों की जांच की जाए.
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मई में, रमेश सोलंकी ने द क्विंट से बात करते हुए कहा कि हमने सारे सबूत जमा कर दिए हैं. जाह्नवी (दर्शन की बड़ी बहन) ने यह भी कहा है कि

दर्शन ने कैंपस में जाति-आधारित भेदभाव का सामना करने के बारे में उसे बताया था. एसआईटी इन गवाहियों की जांच क्यों नहीं कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश क्यों नहीं की जा रही है कि वे छात्र कौन हैं, जिन्होंने दर्शन के साथ उसकी जाति की वजह से भेदभाव किया और परेशान किया?

जाति के बारे में दोस्तों को पता चलने की चिंता

सोलंकी के परिवार के बयानों से पता चला है कि दर्शन को दिसंबर में एक स्कॉलरशिप फॉर्म भरना था और वह इस बात से परेशान था कि उसके दोस्त उसकी जाति के बारे में पता लगा लेंगे. उसकी बहन ने कथित तौर पर उससे समुदाय के अन्य छात्रों से इस बारे में बातचीत करने को कहा था.

कुछ दिनों बाद, उसने उसे फोन किया और बताया कि उसने कुछ सीनियर लोगों से बात की थी, जिन्होंने उसे सलाह दी कि वह अपनी जाति के बारे में कहीं भी बात ना करे. अगर उसने ऐसा किया तो उसे उनकी ही तरह मानसिक उत्पीड़न और रैगिंग का सामना करना पड़ेगा.

सोलंकी की बहन ने अपने बयानों में कहा है कि उसने उसे सहपाठियों के साथ उत्पीड़ित जातियों के छात्रों को दी जाने वाली स्कॉलरशिप के बारे में बताया था. अनुसूचित जाति समुदाय के छात्रों को 'मुफ्त शिक्षा' मिलने के बारे में छात्रों ने कथित तौर पर उन्हें ताना मारा.

अहमदाबाद की एक यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर एप्लीकेशन में मास्टर के आखिरी वर्ष के छात्र जाह्नवी ने पहले द क्विंट को बताया था कि जब वह खुद को लैपटॉप का उपयोग करते हुए फंसा हुआ पाता था, तो उसके दोस्त यह कहते हुए उसका मजाक उड़ाते थे कि 'तुम्हें यह भी नहीं पता." जब भी वह ग्रुप स्टडी सेशन या डिनर के लिए जाते थे, तो उनके बैच के साथी कहते थे, 'देखो दलित आ गया.'

यह कहते हुए कि परिवार के बयानों में जातिगत भेदभाव के आरोपों के संबंध में किसी स्पेशल व्यक्ति का उल्लेख नहीं है, एसआईटी अधिकारियों ने कहा कि वे इस पर कोई सबूत नहीं जुटा पाए हैं. जातिगत भेदभाव सिर्फ एक आरोप है, जहां दर्शन ने अपने परिवार को बताया कि जब उसने अपने रूममेट सहित अपने कुछ दोस्तों को अपनी जाति के बारे में बताया, तो वे उससे बचने लगे.

चार्जशीट में सोलंकी एकेडमिक रिकॉर्ड भी शामिल है. साथी छात्रों के बयानों से पता चला कि मिडिल सेमेस्टर के एग्जाम में खराब प्रदर्शन के बाद पढ़ाई में उसका मन नहीं लग रहा था. कथित तौर पर संस्थान छोड़ने और एक प्राइवेट कॉलेज में एडमिशन लेने के बारे में सोच रहा था.

इसके उलट उसकी बहन ने बयान में कहा है कि दर्शन ने उससे कहा था कि वह तमाम संघर्षों के बाद भी पढ़ाई में मन लगाना जारी रखेगा और इंस्टीट्यूट में अपनी पढ़ाई पूरी करेगा.

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