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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद (Ghaziabad) में ऑटो ड्राइवर धर्मपाल यादव की कथित तौर पर पुलिस की पिटाई से मौत का मामला गरमाया हुआ है. इस मामले में तीन पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है. कनावनी चौकी प्रभारी और दो कांस्टेबलों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इधर, समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने इस मामले को शर्मनाक बताते हुए पीड़ित परिवार के लिए एक करोड़ के मुआवजे की मांग की है.
इस मामले में इंदिरापुरम थाना पुलिस ने सोमवार रात कनावनी चौकी प्रभारी और दो कांस्टेबलों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या (IPC-304) का केस दर्ज किया है.
DCP दीक्षा शर्मा ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है. इसके अलावा हॉस्पिटल इमरजेंसी की CCTV देखी जा रही है, जिसके अंदर धर्मपाल को पीटने का आरोप लगा है. फिलहाल मुकदमा दर्ज कर गहराई से छानबीन की जा रही है. तथ्यों के आधार पर ही आगे की कार्रवाई होगी.
जानकारी के मुताबिक, 25 वर्षीय मृतक धर्मपाल यादव मूल रूप से कासगंज जिले के अमापुर थाना क्षेत्र के नंगला बांस गांव का रहने वाला था. वो परिवार के साथ गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाना क्षेत्र के कनावनी गांव में रहता था. धर्मपाल यहां ऑटो चलाता था.
ऑटो ड्राइवर की मौत के बाद सियासत भी शुरू हो गई है. अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, "निर्दोषों की हत्या कर रही यूपी पुलिस! कानपुर में बलवंत सिंह के बाद अब गाजियाबाद में ऑटो चालक धर्मपाल यादव की पुलिस हिरासत में मौत, बेहद शर्मनाक. दोनों मृतकों की पत्नियों को सरकारी नौकरी और परिजनों को 1-1 करोड़ का मुआवजा दे सरकार."
समाजवादी पार्टी ने मृतक के परिजनों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. समाजवादी पार्टी ने 5 लाख की आर्थिक मदद का ऐलान किया है. इसके साथ ही सीएम योगी से आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है.
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