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गाजियाबाद के चर्चित डासना देवी मंदिर (Dasna Devi Temple) में अज्ञात अभियुक्तों द्वारा मंदिर परिषद में सो रहे बिहार निवासी नरेशानंद सरस्वती पर चाकू से हमले के बाद पुलिस प्रशासन पर फिर से सवाल उठने लगे हैं. फिलहाल उनका इलाज गाजियाबाद के ही एक निजी अस्पताल में कराया जा रहा है.
मंदिर के विवादित महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती भी घटना के समय अपने विश्राम कक्ष में मौजूद थे. उन पर लगातार भड़काऊ महिला विरोधी और धर्म विशेष के खिलाफ विवादित बयान देने का आरोप लगता रहा है. यति नरसिंहानंद के करीबी द्वारा मसूरी थाने में हत्या के प्रयास का मुकदमा भी दर्ज कराया गया है.
मंदिर के मुख्य द्वार पर PAC का पहरा है और अंदर स्थानीय पुलिस की सुरक्षा. यति नरसिंहानंद की सुरक्षा में चार पर्सनल गनर अलग से लगे हुए हैं. इन सारी सुरक्षा को भेदते हुए कोई अभियुक्त इतनी आसानी से मंदिर में कैसे दाखिल हो जाता है?
पुलिस के मुताबिक मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरे खराब निकले हैं. यति नरसिंहानंद को पूर्व में मिली धमकियों और उन पर कथित हमलों की वजह से मंदिर के अंदर सुरक्षा बढ़ाई गई थी. अगर सुरक्षा का मामला इतना ही संवेदनशील था तो स्थानीय पुलिस या मंदिर प्रशासन को सीसीटीवी कैमरे खराब होने की जानकारी क्यों नहीं थी?
हालांकि स्थानीय पुलिस का कहना यह है कि मामले की तहकीकात चल रही है और अभी तक हमले का कारण या हमले के पीछे जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान नहीं हो पाई है.
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