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2008 के चर्चित आरुषि-हेमराज मर्डर केस में अब एक और नया मोड़ आ गया है. हेमराज की पत्नी ने आरुषि के मां-बाप, राजेश और नूपुर तलवार को निर्दोष करार देने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट से तलवार दंपति को बरी करने पर हेमराज का परिवार निराश है. हेमराज के दामाद जीवन शर्मा ने तलवार दंपति की रिहाई के बाद द क्विंट के साथ बातचीत की थी. उसने कहा था कि बाहर से आकर किसी दूसरे व्यक्ति ने आरुषि और हेमराज को नहीं मारा बल्कि घर के लोगों ने ही उन्हें मारा है.
जीवन शर्मा ने कहा था, "पहले हम ये सोचकर खुश थे कि राजेश और नूपुर तलवार को सीबीआई ने आरुषि और हेमराज का हत्यारा माना है और अब इन्हें जिंदगी भर की सजा होगी. लेकिन बाद में तलवार दंपति को बरी कर दिया गया. ये खबर सुनकर हमें बहुत बड़ा झटका लगा है."
2013 में सीबीआई कोर्ट ने तलवार दंपति को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. तब से दोनों गाजियाबाद की डासना जेल में सजा काट रहे थे. सीबीआई अदालत के फैसले के खिलाफ तलवार दंपति ने जनवरी 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाईकोर्ट के जस्टिस बीके नारायण और जस्टिस अरविंद कुमार मिश्र की बेंच ने केस की जांच में खामी का हवाला देते हुए दोनों को बरी कर दिया. साथ ही तलवार दंपति को रिहा करने के आदेश दिए थे. कोर्ट ने अपने फैसले में सबूतों के अभाव की बात कही थी.
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