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12 फरवरी को आईआईटी बॉम्बे (IIT-Bombay) के फर्स्ट ईयर के एक स्टूडेंट की कैंपस में कथित तौर पर आत्महत्या से मौत हो गई. छात्र की पहचान दर्शन सोलंकी के रूप में हुई है, जो गुजरात के अहमादाबाद का रहने वाला था और केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक कर रहा था. पुलिस की जानकारी के मुताबिक, छात्र ने तीन महीने पहले ही संस्थान में एडमिशन लिया था.
मुंबई के एक सीनियर ऑफिसर ने द क्विंट को बताया कि जांच अभी जारी है और कारण अभी पता नहीं चला है. पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है और एक्सीडेंटल डेथ रिपोर्ट फाइल की गई है. हॉस्टल में दोपहर के बाद हुई घटना के चश्मदीद हैं. हम तथ्यों का पता लगाने के लिए हॉस्टल विंग के अन्य छात्रों से बात कर रहे हैं.
अंबेडकर पेरियार फुले स्टडी सर्कल, बॉम्बे आईआईटी में एक दलित छात्रों का सगंठन है. संगठन ने आरोप लगाया है कि यह घटना "व्यक्तिगत मुद्दा नहीं बल्कि एक संस्थागत हत्या है. और संस्थान दलित, बहुजन, आदिवासी छात्रों के लिए समावेशी और सुरक्षित नही है."
संस्थान के एक जनसंपर्क अधिकारी फाल्गुनी बनर्जी ने कहा, मृत छात्र के माता-पिता अहमदाबाद से आए हैं और पूरी तरह से सदमे की स्थिति में हैं.
संस्थान के एक छात्र और सोलंकी के एक दोस्त ने नाम न छापने की शर्त पर द क्विंट को बताया कि उनके पहले सेमेस्टर की परीक्षा, मौत से एक दिन पहले ही खत्म हुई थी. मुझे नहीं पता कि उसने यह कदम क्यों उठाया
APPSC कलेक्टिव के एक सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर द क्विंट को बताया, "पहले साल के छात्रों के लिए ट्रांजिशन वास्तव में कठिन है, खासकर अगर वे अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं
एपीपीएससी के सदस्य ने कहा, "ताने के कारण जैसे वे अयोग्य या गैर-मेधावी हैं और केवल आरक्षण के कारण आईआईटी में सीट मिली है, एससी/एसटी/ओबीसी श्रेणियों से संबंधित छात्रों को अक्सर प्रदर्शन करने के लिए अतिरिक्त दबाव का सामना करना पड़ता है
बयान में, छात्र संगठन ने आरोप लगाया कि मौत भेदभाव के माहौल के कारण हुई.
सोलंकी की मौत पर शोक व्यक्त करने के लिए कई छात्रों ने कैंडल-लाइट मार्च भी निकाला, इसके बाद रविवार शाम हॉस्टल नंबर 12, 13 और 14 के बीच कॉमन एरिया में प्रार्थना सभा की. कैंडल-लाइट मार्च से पहले छात्रों द्वारा प्रसारित एक पोस्टर पढ़ा गया
इससे पहले भी आयोग को पिछले साल जून में इस संबंध में IIT-B, APPSC में छात्रों के एक ग्रुप से एक शिकायत मिली थी.
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