Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Crime Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019जेसिका लाल, नैना साहनी, प्रियदर्शिनी के हत्यारे नहीं होंगे रिहा

जेसिका लाल, नैना साहनी, प्रियदर्शिनी के हत्यारे नहीं होंगे रिहा

सेंटेंस रिव्यू बोर्ड की अध्यक्षता दिल्ली सरकार के गृहमंत्री करते हैं

क्विंट हिंदी
क्राइम
Updated:
जेसिका लाल हत्याकांड का आरोपी मनु शर्मा और पीड़िता जेसिका
i
जेसिका लाल हत्याकांड का आरोपी मनु शर्मा और पीड़िता जेसिका
(फोटो: Twitter/Altered by The Quint)

advertisement

दिल्ली सरकार के बोर्ड ने जेसिका लाल हत्याकांड, प्रियदर्शिनी मट्टू हत्याकांड और तंदूर हत्याकांड के मुजरिमों को वक्‍त से पहले रिहा करने की अर्जी खारिज कर दी है. दिल्ली सेंटेंस रिव्यू बोर्ड ने जेसिका लाल, प्रियदर्शिनी और नैना साहनी की हत्या के दोषी मनु शर्मा, संतोष सिंह और सुशील शर्मा की जल्दी रिहाई की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है.

दोषी मनु शर्मा को पहले ही 'अच्छे व्यवहार' के कारण ओपन जेल में शिफ्ट किया जा चुका है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तिहाड़ जेल प्रशासन भी मनु शर्मा की रिहाई के पक्ष में है.

बता दें कि सेंटेंस रिव्यू बोर्ड की अध्यक्षता दिल्ली सरकार के गृहमंत्री करते हैं. इसमें मुख्य गृह सचिव, मुख्य कानून सचिव, जेल डीजी, ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस, चीफ प्रोबेशन अधिकारी और एक जज शामिल हैं.

क्या हैं ये मामले?

कांग्रेस के तत्कालीन नेता विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा ने 20 अप्रैल 1999 को दिल्ली के एक बार में मॉडल जेसिका की गोली मारकर हत्या कर दी थी. बाद में मनु शर्मा को दोषी करार दे दिया गया और 2006 में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.

प्रियदर्शिनी मट्टू हत्याकांड साल 1996 का है. 23 जनवरी को 25 साल की लॉ स्टूडेंट प्रियदर्शिनी मट्टू के साथ रेप कर उसकी हत्या कर दी गई थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने 2006 में संतोष कुमार को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

तंदूर हत्याकांड 1995 में सामने आया था. कांग्रेस कार्यकर्ता नैना साहनी की उनके ही एमएलए पति सुशील शर्मा ने बेरहमी से हत्या कर दी थी. इसके बाद सुशील ने शव के टुकड़े कर एक रेस्तरां के तंदूर में जला दिए थे. 8 अक्टूबर 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने सुशील शर्मा को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

सेंटेंस रिव्यू बोर्ड ऐसे कैदियों की सजा पर विचार करता है, जो अपनी सजा का बड़ा हिस्सा काट चुके हों. सजा के दौरान इनका व्यवहार भी देखा जाता है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 04 Oct 2018,08:13 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT