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ओडिशा (Odisha) के केंद्रपाड़ा जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली खबर सामने आयी है. जिले के तिखीरी नामक गांव में 32 वर्षीय एक दलित व्यक्ति (Dalit atrocities) से मंदिर के मरम्मत के लिए 500 रुपये दान मांगा गया था. लेकिन दान देने से इनकार करने के बाद सरपंच और स्थानीय लोगों के सामने कथित तौर पर उसे थूककर उसमें अपनी नाक रगड़ने के लिए मजबूर किया गया. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार यह जानकारी पुलिस ने दी है.
यह घटना कथित तौर पर केंद्रपाड़ा जिले में 17 अप्रैल को हुई थी और इस संबंध में बुधवार, 20 अप्रैल को पीड़ित व्यक्ति की पत्नी रेखा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.
पुलिस के पास रेखा की दी तहरीर के अनुसार 16 अप्रैल की शाम गांव के सरपंच चमेली ओझा उनके घर पहुंचे थे. उन्होने मंदिर की मरम्मत और मंदिर में एक नई मूर्ति रखने के लिए दान मांगा था.
इसके बाद 17 अप्रैल को एक बैठक बुलाई गई और गांव वालों को कथित तौर पर उसके परिवार का बहिष्कार करने के लिए कहा गया क्योंकि उन्होंने दान देने से इनकार कर दिया था.
रेखा ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्होंने उसके पति को सजा के तौर पर अपने ही थूक में अपनी नाक रगड़ने का आदेश दिया. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सरपंच ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि “पुलिस मामले की जांच कर सकती है, लेकिन लगाए गए सभी आरोप झूठ हैं. ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी".
पुलिस ने सरपंच चमेली ओझा और तीन अन्य के खिलाफ IPC की धारा 143, 342, 323, 504 और 506 के तहत मामला दर्ज किया है. इसके अलावा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की प्रासंगिक धाराएं भी लगाई गयी हैं.
रिपोर्ट के अनुसार मारसघई थाने के प्रभारी निरीक्षक पीके कानूनगो ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है.
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