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UP पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने लखनऊ में पेटीएम की कैशबैक स्कीम में लाखों की धांधली का पर्दाफाश किया है. एसटीएफ के साइबर विंग ने ये खुलासा किया है. पुलिस ने इस स्कैम में शामिल पेटीएम कर्मियों समेत कुल 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके खिलाफ जरूरी कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
करोड़ों रुपये का फर्जी डिजिटल ट्रांजैक्शन दिखाकर ग्राहकों को मिलने वाले 10 फीसदी कैशबैक का मुनाफा दिखाकर बड़े स्तर पर घोटाला किया जा रहा था. पेटीएम कंपनी की ओर से कस्टमर को प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जाने वाले कैशबैक के डिजिटल डेटा में छेड़छाड़ कर बड़े स्तर पर पैसों की धोखाधड़ी का खेल खेला जा रहा था. इस मामले में यूपी एसटीएफ को लगातार सूचनाएं मिल रही थीं.
इन दोनों ने पेटीएम की 'Cash on delivery' स्कीम में फर्जी डिलीवरी दिखाकर करीब 2.5 करोड़ की फर्जी बिक्री दिखायी. इस पर जब टीम ने और भी बारीकी से जांच की तो पता चला कि ज्यादा 'Cash Back' पाने के लिए सामानों के रेट दोगुना या तिगुना कर फर्जी पेटीएम वॉलेट बनाकर कैशबैक लिया जाता था. इसके बाद वहां से कैश को अलग-अलग खातों में जमा करते थे.
विक्की और फिरोज के साथ-साथ सैमसंग कंपनी में काम करने वाले विनोद कुमार और अखिलेश कुमार ने मनी ट्रांसफर करने और फर्जी बिक्री दिखाकर धोखाधड़ी करते थे. अब तक की जांच में 28 लाख रुपये के कैशबैक के धोखाधड़ी का मामला सामने आया है.
इस फर्जीवाड़े के संबंध में वैल्यू प्लस प्राइवेट लिमिटेड, पेटीएम और सैमसंग से जुड़े कर्मचारियों को लखनऊ के साइबर क्राइम थाने पर पूछताछ के लिए बुलाया गया और पूछताछ के बाद वैल्यू प्लस के अकाउंटेंट की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर बुधवार दोपहर एक बजे चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
वहीं मामले में पेटीएम कर्मियों समेत 4 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इस संदर्भ में लखनऊ के साइबर क्राइम थाने में धारा 419, 420, 467, 468, 471 IPC, 66 C, 66D आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
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