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Gangs of Delhi-NCR: लॉरेंस बिश्नोई, काला जठेड़ी, गोगी, नीरज बवाना गैंग

Sidhu Moose Wala murder में पंजाब पुलिस का दावा- गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ हत्याकांड में शामिल

आशुतोष कुमार सिंह
क्राइम
Published:
<div class="paragraphs"><p>Sidhu Moose Wala Murdered: दिल्ली-NCR में कौन से गैंग एक्टिव,जेल से कैसे चलता है ऑपरेशन?</p></div>
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Sidhu Moose Wala Murdered: दिल्ली-NCR में कौन से गैंग एक्टिव,जेल से कैसे चलता है ऑपरेशन?

(फोटो- क्विंट)

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पंजाबी सिंगर-रैपर और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसे वाला की हत्या (Sidhu Moose Wala Murdered) ने उनके परिवार, फैंस समेत पूरे देश को सन्न कर दिया. रविवार, 29 मई को पंजाब के मनसा जिले के जवाहरके गांव के पास अज्ञात बंदूकधारियों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया. हत्या की खबर आने और लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर भगवंत मान सरकार की किरकिरी होने के बाद पंजाब पुलिस सामने आई. पुलिस ने दावा किया है कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ और उनके सहयोगी इस हत्याकांड में शामिल हैं.

उत्तराखंड और पंजाब स्पेशल टास्क फोर्स ने सोमवार, 30 मई को सिद्धू मूसे वाला हत्याकांड के सिलसिले में देहरादून के नयागांव इलाके से चार लोगों को गिरफ्तार किया है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लॉरेंस बिश्नोई और उनके सहयोगियों- काला जठेड़ी और काला राणा से कथित तौर पर जेल के अंदर दिल्ली पुलिस पूछताछ कर रही है. यानी एक बार फिर दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों से ऑपरेट करने वाले गैंग्स के नाम सुर्खियों में हैं.

आपको बताते हैं दिल्ली-एनसीआर और उसके आसपास के जिलों-राज्यों में कौन-कौन से गैंग एक्टिव हैं? इनमें से कौन विदेशों में शिफ्ट हो गए? लॉरेंस बिश्नोई जैसे गैंस्टर जेल में बंद होकर कैसे कथित तौर से किसी हत्याकांड की साजिश रच पा रहे हैं? इन गैंग्स के नाम किन बड़े कांड में सामने आए हैं?

लॉरेंस बिश्नोई गैंग

31 वर्षीय गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को 2017 में गिरफ्तार किया गया था और वह पहले राजस्थान की भरतपुर जेल में बंद था. हाल ही में इस गैंगस्टर को दिल्ली पुलिस द्वारा मकोका मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल लाया गया था. वह तिहाड़ जेल के जेल नंबर 8 में बंद है.

लॉरेंस बिश्नोई का जन्म पंजाब के फिरोजपुर जिले के धतरंवाली (जो अब फाजिल्का जिले में आता है) में हुआ था. लॉरेंस ने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से पढ़ाई की है. एक दशक पहले लॉरेंस बिश्नोई पंजाब विश्वविद्यालय (SOPU) के छात्र संगठन के अध्यक्ष भी था.

सिद्धू मूसे वाला हत्याकांड में नाम आने से पहले कथित तौर पर लॉरेंस बिश्नोई ने काले हिरण के शिकार मामले में सलमान खान को 2018 में जान से मारने की धमकी दी थी. लॉरेंस बिश्नोई काले हिरण को पवित्र मानने वाले बिश्नोई समुदाय से ताल्लुक रखता है.

मूसे वाला की हत्या में लॉरेंस बिश्नोई के साथ जिस गोल्डी बराड़ का नाम सामने आया है, उसका असली नाम सतिंदर सिंह है और वह बिश्नोई का करीबी सहयोगी माना जाता है. कनाडा से ऑपरेट करने वाले बराड़ की भारत में कई आपराधिक मामलों में तलाश है- जैसे कि 2021 में फरीदकोट जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष गुरलाल सिंह पहलवान की हत्या मामले में.

लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ हत्या की कोशिश, जबरन वसूली, स्नैचिंग, कारजैकिंग, मकोका और अन्य मामलों सहित 20 से अधिक मामले दर्ज हैं.

संदीप उर्फ ​​काला जठेड़ी गैंग

लॉरेंस के करीबी बदमाशों में काला जठेड़ी का नाम शामिल हैं. जठेड़ी पर भी दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने मकोका एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है. यह भी अभी दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है.

30 जुलाई 2021 को दिल्ली पुलिस ने मोस्ट वांटेड गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी को यूपी के सहारनपुर से गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के समय काला जठेड़ी के ऊपर ₹7 लाख का इनाम था.

पुलिस का दावा है कि जठेड़ी गैंग में 200 से अधिक शूटर शामिल हैं. इसके ज्यादातर शूटर विदेशों में बसे है और 'असाइनमेंट' के लिए भारत आते हैं. फरवरी 2020 में काला जठेड़ी के गुर्गो ने गुरुग्राम पुलिस पर फरीदाबाद में सरेआम फायरिंग कर पुलिस हिरासत से काला जठेड़ी को छुड़ा लिया था. काला जठेड़ी पर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में कई मामले दर्ज हैं.

काला जठेड़ी पर पहलवान सुशील कुमार को धमकी देने का भी आरोप है. छत्रसाल स्टेडियम में हुए झगड़े में काला जठेड़ी का रिश्तेदार सोनू महाल भी घायल हुआ था. इस बात को लेकर कथित तौर पर जठेड़ी ने पहलवान सुशील कुमार को धमकी दी थी.

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गोगी गैंग vs सुनील टिल्लू गैंग

गैंगस्टर जितेंद्र गोगी उर्फ गोगी की पिछले साल सितंबर में रोहिणी जिला अदालत के अंदर टिल्लू ताजपुरिया गैंग के गुंडों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.

गोगी कभी शानदार एथलीट था और कई प्रतियोगिताओं में अपने स्कूलों की ओर से शामिल हुआ था. स्पोर्ट्स कोटे पर उसका एडमिशन दिल्ली यूनिवर्सिटी में हुआ. DU में गोगी और उसके बचपन के सबसे करीबी दोस्त सुनील मान छात्र राजनीति में शामिल हो गए.

दोनों बाद में एक-दूसरे के सबसे बड़े दुश्मन बन गए और एक दशक से अधिक समय तक, उनके नाम पुलिस फाइलों और केस पेपर्स में एक साथ पाए जा सकते हैं. पुलिस रिकॉर्ड में सुनील मान अब गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया के नाम से जाना जाता है, जिसके गैंग पर गोगी को ही मारने का आरोप है.

भले ही आज जितेंद्र गोगी की हत्या हो चुकी है, गोगी गैंग एक्टिव है. दिल्ली पुलिस ने बुधवार, 25 मई को ही गोगी गैंग के दो गुर्गो को हिरासत में लिया है जिनके पास से दो बंदूक और 20 जिंदा कारतूस बरामद किया गया.

गोगी पर 2017 में हरियाणवी सिंगर हर्षिता दहिया की हत्या करने का आरोप था.

दिल्ली के ताजपुर के रहने वाले सुनील उर्फ ​​टिल्लू पर हत्या, रंगदारी, डकैती और पुलिस पर हमले के 22 से ज्यादा मामले दर्ज हैं.

मंजीत महल और नंदू गैंग

मंजीत महल गैंग और नंदू गैंग में 2015 से ही कट्टर दुश्मनी रही है. दिल्ली के नजफगढ़ के मित्रांव के रहने वाले मंजीत महल को 2016 में गिरफ्तार किया गया था, और वह कथित तौर पर इंडियन नेशनल लोकदल के पूर्व विधायक भरत सिंह की हत्या की योजना बनाने में शामिल था.

दिल्ली के नजफगढ़ में अपने गैंग को ऑपरेट करने वाला कपिल सांगवान उर्फ ​​नंदू 2019 से फरार चल रहा है. दिल्ली के जेल में बंद गैंगस्टर ज्योति उर्फ बाबा कपिल सांगवान का भाई है. फरवरी 2022 में ही नंदू-बाबा गैंग के कुख्यात शार्प-शूटर सुमित धनखड़ को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया.

नंदू गैंग ने जनवरी 2017 में मंजीत महल के पिता की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी.

नीरज बवाना

सिद्धू मूसे वाला की हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस को शक है कि यह हत्या पिछले साल अगस्त में हुई विक्रमजीत उर्फ ​​​​विक्की मिद्दुखेड़ा की हत्या के बदले की कार्रवाई हो सकती है. मिड्दुखेड़ा की हत्या में नीरज बवाना और टिल्लू ताजपुरिया का नाम सामने आया था.

कथित तौर पर बवाना और ताजपुरिया ने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और राजस्थान केकौशल चौधरी, दविंदर भांबिया और लकी पटियाल सहित अन्य गैंगस्टरों के साथ मिलकर काम किया था.

जेल में बंद, फिर भी कैसे चलता है इनका गैंग?

आरोप है कि ये गैंग अपने टारगेट के किसी करीबी को मारकर, उसका वीडियो दिखाकर ब्लैकमेल करते हैं. इनमें से अधिकतर ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रोफाइल बना रखी है और जेल के अंदर से ही इसके माध्यम से धमकी देकर पैसे वसूलते हैं.

इन गैंग के निशाने पर मुख्यतः बिजनेसमैन और प्रॉपर्टी डीलर होते हैं. हाई टेक्नोलॉजी के जमाने में गैंगस्टर अपने गैंग को जेलों के अंदर से ही ऑपरेट करते हैं और इसके लिए जेल में अवैध रूप से फोन का उपयोग आम बात है.

वे अपने मैसेज भेजने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, जैसे फेसबुक, मैसेंजर, टेलीग्राम - का उपयोग करते हैं. वे अपने हैंडल और गैंगस्टर पेज पर भी पोस्ट करते हैं.

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