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उदयपुर में कन्हैया लाल की निर्मम हत्या के बाद से माहौल अशांत है. पुलिस ने इस हत्या को आतंक फैलाने के उद्देश्य से की गई वारदात बताया है. दहशत फैलाने के लिए हत्यारों ने कन्हैया लाल कि हत्या में जिस बाइक का इस्तेमाल किया था उसका नंबर भी 2611 था. ये वही नंबर है जो मुंबई में 26 नवंबर की तारीख से मिलता है.
हत्या के दोनों आरोपियों रियाज अंसारी और गौस मोहम्मद को पुलिस ने भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गुरुवार शाम जिला कोर्ट में पेश किया. अदालत ने उनको 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. कोर्ट में वकीलों ने दोनों के खिलाफ जमकर नारे लगाए. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी इनको जयपुर NIA कोर्ट में पेश करने के लिए ट्रांजिट रिमांड मांग सकती है. माना जा रहा है कि एजेंसी इनको दिल्ली नहीं ले जाएगी.
इस बीच कन्हैयालाल की हत्या के मामले में नई थ्योरी सामने आई है. हत्यारों के आतंकी कनेक्शन को लेकर राजस्थान सरकार और NIA अलग-अलग दावे कर रही हैं. घटना की जांच हाथ में लेने के बाद NIA की टीम ने दावा किया कि दोनों हत्यारों का किसी आतंकी संगठन से लिंक सामने नहीं आया है. वहीं, एक दिन पहले राज्य सरकार ने दावा किया था कि दोनों अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों से जुड़े हैं.
SIT की टीम ने गुरुवार को सुखेर थाना क्षेत्र के सापेटिया स्थित एसके इंजीनियरिंग फैक्ट्री में छापा मारा. बताया गया कि फैक्ट्री में ही रियाज और गौस ने कन्हैयालाल की हत्या करने के लिए हथियार तैयार किया था. ये भी बताया गया कि दोनों आतंकियों ने यहीं से वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर अपलोड किया था. SIT टीम ने सापेटिया स्थित इस फैक्ट्री को सील कर दिया.
वहीं, उदयपुर शहर में लागू कर्फ्यू और धारा-144 के बीच गुरुवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिवंगत कन्हैयालाल साहू के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया और भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ है. सुरक्षा एजेंसी NIA की ओर से जांच जारी है और हमारी सरकार और ATS की ओर से पूरा सहयोग किया जाएगा. यही उम्मीद करेंगे कि दोनों आतंकियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा मिल सके.
सीएम गहलोत ने कन्हैया की पत्नी जसोदा साहू से मुलाकात में उन्हें पूर्ण रूप से इंसाफ दिलाने की बात कही. इसके बाद वे एमबी हॉस्पिटल गए और वहां हमले में घायल हुए कारीगर ईश्वर गौड़ से मुलाकात की. इस मौके पर उनके साथ पीसीसी चीफ गोविंदसिंह डोटासरा, प्रभारी मंत्री रामलाल जाट, सीडब्ल्यूसी मेम्बर रघुवीर मीणा, डीजीपी एमएल लाठर सहित कई लोग मौजूद थे.
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