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UP: BJP नेता पर अधिकारियों से मिलकर पैसे वसूलने और जेल भिजवाने का आरोप, FIR दर्ज

Budaun News: शिकायत पर 6 महीने बाद आरोपियों के खिलाफ लूट समेत अन्य गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज

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<div class="paragraphs"><p>UP:बदायूं BJP नेता पर STF से मिलकर ठगी-जेल भेजने का आरोप,SSP के आदेश पर केस दर्ज</p></div>
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UP:बदायूं BJP नेता पर STF से मिलकर ठगी-जेल भेजने का आरोप,SSP के आदेश पर केस दर्ज

(प्रतीकात्मक तस्वीर/iStock)

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बदायूं के बीजेपी जिला मंत्री प्रभा शंकर पर पुलिस अधिकारियों से मिलीभगत करके अपने गांव के एक व्यक्ति को जेल भेजने का आरोप लगा है. आरोप है कि बीजेपी नेता ने फर्जी केस में नोटिस भिजवाकर व्यक्ति से 3.10 लाख रुपये वसूले और जब पीड़ित ने जब इसकी शिकायत पुलिस अधिकारियों से की तो नारकोटिक्स के इंस्पेक्टर और अन्य लोगों ने उसे NDPS एक्ट के तहत उसे जेल भेज में दिया.

संबंधित परिवार की शिकायत पर 6 महीने बाद कोतवाली में आरोपियों के खिलाफ लूट समेत अन्य गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है.

बीजेपी नेता पर मिलीभगत का आरोप

मामला बदायूं के बिनावर स्थित नाई गांव का है. पीड़ित की पत्नी भगवान देवी का आरोप है कि बीजेपी के जिला मंत्री प्रभा शंकर ने नारकोटिक्स विभाग के विवेक उत्तम, इंस्पेक्टर दीपक शर्मा और एसटीएफ के एचसीपी जगवीर सिंह यादव से मिलकर उनके पति अजयपाल सिंह को 18 सितंबर 2022 को नोटिस भेजा था. नोटिस मिलने पर अजय पाल अपनी बेगुनाही साबित करने लिए प्रभा शंकर के साथ अगले दिन बरेली स्थित नारकोटिक्स विभाग के कार्यालय गया.

कथित तौर पर अधिकारियों ने अफीम जैसी चीज अजय पाल को देकर फोटो और वीडियो बनाया और उसके साथ मारपीट की.
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पीड़ित के परिवार का कहना है कि प्रभा शंकर वर्मा ने अजय पाल को छोड़ने के बदले पांच लाख रुपए में सौदा तय कर दिया था. प्रभा शंकर के कहने पर अजय पाल ने अपने परिजनों को फोन किया, जिसके बाद उसकी पत्नी ने कर्ज लेकर 3.10 लाख रुपये वहां पहुंचवाए और उसके पति को छोड़ दिया गया.

पीड़ित अजय पाल ने इसकी शिकायत जब बड़े अधिकारियों से की तो 23 सितंबर को आरोपी अधिकारियों ने दोबारा घर पर दबिश दी और महिलाओं के साथ मारपीट करते हुए शिकायत वापस लेने के साथ उससे दो लाख रुपये और देने को कहा.

अजय पाल ने इसकी भी शिकायत बदायूं से लेकर बरेली तक के पुलिस अधिकारियों से की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई.

इससे परेशान होकर अजय पाल ने बदायूं में प्रभाशंकर, दीपक शर्मा, विवेक उत्तम और जगवीर सिंह के खिलाफ कोर्ट पहुंचा. इसी मामले की तारीख लेने के लिए अजय पाल 24 नवंबर 2022 को बदायूं कोर्ट में जा रहा था.

इसी बीच आरोपियों ने बदायूं के बिनावर गांव के पास अजय पाल पकड़ लिया और गिरफ्तारी सिरोही थाना क्षेत्र से दिखाकर एनडीपीएस एक्ट में चालान करके जेल भेज दिया.

इसके बाद से अजय पाल जेल में ही बंद हैं. उनकी पत्नी ने इसकी शिकायत पुलिस अधिकारियों से की लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी. 30 मार्च को महिला ने एसएसपी के सामने सारे साक्ष्य दिए, जिसके बाद एसएसपी के आदेश पर कोतवाली में बीजेपी नेता समेत इंस्पेक्टर दीपक शर्मा, नारकोटिक्स विभाग में तैनात विवेक उत्तम और एसटीएफ के एचसीपी जगवीर यादव के खिलाफ लूट की रिपोर्ट दर्ज की गई है. इसके साथ ही उनकी विभागीय जांच भी की जा रही है.

एसटीएफ कार्यालय का वीडियो हुआ था वायरल

एसटीएफ कार्यालय बरेली में अजय पाल अपने साथ हुए मामले की शिकायत करने गए थे और वहां पर रुपए की बात चली थी.

सीओ प्रथम स्वेता यादव ने बताया कि इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. हालांकि उसके बाद मामले की जांच कर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था. अब बीजेपी नेता समेत नाकोटिक्स के कर्मचारियों के खिलाफ लूट सहित अन्य गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है, मामले की जांच की जा रही है.

(इनपुट- संजय शर्मा)

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