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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रयागराज (Prayagraj) में शुक्रवार को उमेश पाल (Umesh Pal Murder) की गोली मारकर हत्या कर दी गई. उमेश पाल चर्चित राजूपाल हत्याकांड (Raju Pal Murder Case) के मुख्य गवाह थे. इस मामले में उमेश की पत्नी जया पाल ने पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनके पूरे परिवार के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है. जानकारी के मुताबिक, अतीक अहमद के दो बेटों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.
उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने FIR में आरोप लगाया है कि, "मेरे पति उमेश पाल और गनर की हत्या पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनकी पत्नी शाइस्ता परवीन के द्वारा कराई गई है. जिसमें अतीक के बेटों के अलावा गुड्डू मुस्लिम, गुलाम और अन्य भी शामिल थे." प्रयागराज के धूमनगंज थाने में उमेश पाल की पत्नी जया पाल की तरफ से मुकदमा दर्ज करवाया गया है. बता दें कि अतीक अहमद फिलहाल अहमदाबाद जेल में बंद है.
अतीक अहमद, पूर्व सांसद
अशरफ अहमद, पूर्व सांसद और अतीक अहमद का भाई
शाइस्ता परवीन, अतीक अहम की पत्नी
गुड्डू मुस्लिम
गुलाम
अतीक अहमद के बेटों का नाम
नौ अज्ञात लोग
अतीक अहमद के अन्य सहयोगी
IPC की धारा 147 (उपद्रव करना)
IPC की धारा 148 (दंगा, घातक हथियार से लैस)
IPC की धारा 149 (गैनकानूनी जमावड़े)
IPC की धारा 302 (हत्या)
IPC की धारा 307 (हत्या का प्रयास)
IPC की धारा 506 (आपराधिक धमकी)
IPC की धारा 34 (सामान्य इरादा)
IPC की धारा 120-B (आपराधिक षड्यंत्र)
विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908
आपराधिक कानून (संसोधन) अधिनियम 1932
FIR के मुताबिक वारदात शुक्रवार शाम 04:45 बजे से 05:00 बजे के बीच हुई है. उमेश पाल की पत्नी ने वारदाता कि जानकारी देते हुए बताया कि उनके पति कोर्ट से वापस घर लौटे ही थे कि कार से उतरते समय उनपर जानलेवा हमला हुआ. उन्होंने आगे बताया कि पूर्व सांसद अतीक अहमद के बेटे, गुड्डू मुस्लिम, गुलाम और उनके 9 साथियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी और बम से भी हमला किया.
इस वारदात के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई. आनन-फानन में उमेश पाल और उनके दो गनर को अस्पताल ले जाया गया. जहां उमेश पाल और उनके गनर संदीप निषाद की मौत हो गई. वहीं राघवेंद्र सिंह का इलाज जारी है.
गौरतलब है कि इलाहाबाद पश्चिमी सीट से BSP विधायक रहे राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को सुलेमसराय में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. मामले में पूर्व सांसद अतीक अहमद व उनके छोटे भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ समेत अन्य लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी. घटना के मुख्य गवाह उमेश पाल थे.
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