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UP: IPS अधिकारी अनिरुद्ध का रिश्वत मांगते कथित वीडियो वायरल, जांच के आदेश

UP IPS Bribe Video: मेरठ पुलिस ने वीडियो को दो साल पुराना बताया है.

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<div class="paragraphs"><p>UP: IPS अधिकारी का रिश्वत मांगते कथित वीडियो वायरल, DGP ने दिए जांच के आदेश</p></div>
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UP: IPS अधिकारी का रिश्वत मांगते कथित वीडियो वायरल, DGP ने दिए जांच के आदेश

(फोटो: क्विंट)

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मेरठ (Meerut) में एसपी ग्रामीण पद पर तैनात आईपीएस अफसर अनिरुद्ध सिंह (IPS Anirudh Singh) का रिश्वत मांगते कथित वीडियो के वायरल होने से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. इस वीडियो में अनिरूद्ध सिंह एक स्कूल चेयरमैन से 20 लाख रूपए मांग रहे हैं. आईपीएस अफसर वीडियो में यह भी कहते नजर आ रहे है कि बाकी पैसा कैसे देना है, बाद में बताऊंगा. मेरठ पुलिस की ओर से इस वीडियो को दो साल पुराना बताया गया है, लेकिन उत्तरप्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

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वीडियो वायरल होने के बाद IPS अनिरुद्ध सिंह से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यह एक केस का ट्रैप है. उन्होंने मामले में और जानकारी देने से मना कर दिया. वीडियो कब का है और कितना पुराना है और कहां का है? इन सारे सवालों के जब जवाब तलाशे गए तो दो साल पुरानी भ्रष्टाचार की कहानी सामने आई है.

कब और कहां का है मामला?

बात नवंबर 2021 की है. वाराणसी के एक प्रतिष्ठित स्कूल में कक्षा 3 की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आई थी. इस मामले में आरोपी को केस दर्ज करने के बाद जेल भेजा गया था. जबकि इस केस में अभिभावकों, वाराणसी के वकीलों और समाज के अन्य वर्गो ने स्कूल प्रबंधन और पुलिस के ढुलमुल रवैये के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया था.

आईपीएस अनिरुद्ध सिंह उस वक्त वाराणसी के चैतगंज में अंडरट्रेनी आईपीएस के रूप में तैनात थे. आरोप लगे थे कि अनिरुद्ध सिंह ने स्कूल प्रबंधन से सांठगांठ कर मामले में कोई कार्रवाई नहीं की थी. बाद में डील की रकम बढ़ती चली गई तो पुलिस और स्कूल प्रबंधक के बीच भी मामला बिगड़ गया था.

सूत्रों की मानें तो या वीडियो आला अधिकारियों के संज्ञान में पहले ही आ गया था और इस पर विभागीय जांच भी गठित की गई थी. नवनियुक्त आईपीएस पर लगे आरोपों पर जांच हुई और सबूतों को दरकिनार कर पूरे मामले को तेजी से रफा-दफा कर दिया गया था. वहीं अनिरुद्ध सिंह का वाराणसी से तबादला कर इंटेलीजेंस में एएसपी बना दिया गया था.

इंटेलीजेंस में एएसपी रहने के बाद उन्हें फतेहपुर में एएसपी बनाया गया. पिछले दिनों मेरठ के एसपी देहात के पद पर उन्हें पुलिस मुख्यालय से तैनाती दी गई थी.

सवाल यह है कि स्कूल चेयरमैन से 20 लाख रुपयों से ज्यादा की वसूली का वीडियो जब शिकायत में संलग्न था तो फिर किस आधार पर उन्हें आरोपों से बरी कर दिया गया?

एसपी और कांग्रेस ने उठाए सवाल

इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी योगी सरकार पर हमलावर है. एसपी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, "उत्तर प्रदेश में एक आईपीएस की वसूली के इस वीडियो के बाद क्या बुलडोजर की दिशा उनकी तरफ बदलेगी या फिर फरार आईपीएस की सूची में एक नाम और जोड़कर संलिप्त बीजेपी सरकार ये मामला भी रफा-दफा करवा देगी."

वहीं उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने भी इस मामले को लेकर सवाल उठाए हैं. यूपी कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, "यह IPS अनिरुद्ध सिंह हैं. जो इन दिनों मेरठ में तैनात हैं. सरेआम एक व्यापारी से पूछ रहे हैं, 'आज कितना भेज रहे हैं?' फिर कहते हैं, 'मिनिमम 20 भेजिए' यानी बिना लाग-लपेट 20 लाख का डिमांड."

मामले की होगी दोबारा जांच

मेरठ पुलिस ने वायरल वीडियो को दो साल पुराना बताया है. साथ ही ट्वीट किया है कि वीडियो का संबंधन मेरठ से नहीं है. इस मामले में जांच भी हो चुकी है.

हालांकि, वीडियो वायरल होने के बाद उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने रविवार देर रात इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. प्रेस नोट में लिखा है कि वीडियो करीब 2 साल पुराना है. इस वीडियो के आधार पर अफसर के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने कमिश्नर वाराणसी से इस संबध में जांच कराकर तीन दिन के अंदर रिपोर्ट तलब किया है.

अनिरूद्ध सिंह का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एक यूजर ने उनकी पत्नी और डीसीपी वरूणा जोन आरती सिंह पर अपने मकान मालिक को फ्लैट का किराया अदा ना करने के मामले में एक शिकायत की मेल का स्क्रीनशॉट भी पोस्ट किया है. इस संबध में भी पुलिस मुख्यालय से कमिश्नर वाराणसी को तीन दिन के अंदर जांचकर रिपोर्ट देने के लिए आदेशित किया गया है.

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