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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बेटियों की सुरक्षा का दंभ भरने वाली योगी सरकार (Yogi Government) के तमाम दावे खोखले साबित हो रहे हैं. लगातार हो रही रेप (Rape) की वारदातों से प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लग रहे हैं. कहीं रेप में नाकाम होने पर नाबालिग को जिंदा जला दिया गया. तो कहीं दलित नाबालिग को हवस का शिकार बनाया गया. वहीं चित्रकूट में 4 साल की मासूम के साथ दरिंदगी हुई है. सवाल उठ रहे हैं कि ऐसे कैसे सुरक्षित रहेंगी बेटियां?
पीलीभीत जिले से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां नाबालिग के साथ गैंगरेप की कोशिश हुई. जब आरोपी इसमें नाकाम रहे तो उन्होंने नाबालिग को जिंदा जला दिया. इस घटना में नाबालिग 90 फीसदी तक झुलग गई. आनन-फानन में उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया. नाबालिग को जब होश आया तो उसने पूरे मामले का खुलासा किया.
इस खुलासे के बाद से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया. एसपी ने कहा कि मामले में जो भी तहरीर दी जाएगी उसके आधार पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
लखीमपुर खीरी में दलित नाबालिग को हवस का शिकार बनाया गया है. मामला मोहम्मदी थाना क्षेत्र का है. जानकारी के मुताबिक सर्वाइवर अपनी दादी को खाना देने के लिए घर से निकली थी. इस दौरान गांव के ही युवक ने उसके साथ दरिंदगी की. नाबालिग की हालत नाजुक बताई जा रही है. उसे जिला अस्पताल से लखनऊ रेफर किया गया है.
चित्रकूट के मऊ थाना क्षेत्र में 4 साल की मासूम के साथ दरिंदगी हुई है. शनिवार शाम को मासूम बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी. उसको बिस्कुट दिलाने के बहाने से एक युवक अपने साथ ले गया और कमरे में बंद कर दुष्कर्म किया. बच्ची के शोर मचाने पर आरोपी कमरे में उसको छोड़कर भाग गया. वहीं पुलिस ने इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
NCRB रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 में उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ 56083 मामले सामने आए हैं. जो दूसरे राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा हैं. साल 2020 में 49385 केस दर्ज हुए थे, वहीं 2019 में 59853 मामले दर्ज हुए थे.
अगर रेप की बात करें तो साल 2021 में पूरे भारत में बलात्कार के कुल 31,677 मामले दर्ज किए गए. जिसमें सबसे ज्यादा राजस्थान (6,337), उसके बाद मध्य प्रदेश (2,947) और तीसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश (2,845) में केस दर्ज किए गए हैं.
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