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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पन्ना (Panna) में परिवार की लड़की को घर से भागने में मदद करने के शक में उसकी सहेली की आंखों में जहरीला केमिकल डालने का मामला सामने आया है.
पीड़िता और उसके परिवार का कहना है कि उसकी आंखों में तेजाब डाला गया, जबकि पुलिस का कहना है कि कोई आई ड्रॉप जैसा लिक्विड डाला गया है. फिलहाल लड़की पन्ना के जिला अस्पताल में भर्ती है जहां उसका इलाज जारी है.
दरअसल मंगलवार को पन्ना जिले के पवई थाना क्षेत्र के बराहों गांव में एक 21 वर्षीय महिला और उसके भाई को जबरदस्ती पकड़कर जंगल में ले जाकर मारपीट करने और उनकी आंखों में एसिड डालने का मामला सामने आया.
पीड़ित और उसके परिजनों का आरोप है कि सुमेर सिंह और गोल्डी सिंह के परिवार की कोई महिला घर से कहीं चली गई है और उनको यह शक है कि उसको भगाने में इस लड़की ने सहयोग किया है, जिसके चलते उसके साथ मारपीट की और उसकी आंखों में कुछ आई ड्रॉप जैसा लिक्विड डाल दिया.
पीड़िता का पन्ना के जिला अस्पताल में इलाज जारी है पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर महज 5 घंटे में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
इस मामले में पन्ना पुलिस एवं साइबर टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है. महज 5 घंटे के दौरान एसिड अटैक करने वाले 2 आरोपियों को पुलिस ने दबोच लिया है.
इतना ही नहीं दोनों आरोपियों का नगर में जुलूस भी निकला. एसपी धर्मराज मीणा ने घोषणा की कि आरोपिओं को महज 5 घंटे में ढूंढ निकालने के लिए पुलिस टीम को पुरस्क्रत किया जाएगा.
पीड़िता ने बताया कि सुमेर राजा और गोल्डी राजा उसे जबरदस्ती ले गए थे. और हाथों से आंखे मल दी. लड़की ने आगे बताया,
जिस लड़की के साथ ये घटना घटी है वो अनाथ है और अपनी रिश्तेदार के पास रहती है. उसकी रिश्तेदार सुमंत्री बाई का कहना है कि "लड़की के मां-बाप नहीं है, उसको हम लोग पालते हैं, उसके साथ बहुत मारपीट की गई है. उसका भाई लापता है. लड़की की आंखों में मारपीट कर तेजाब डाला गया है. आरोपियों के नाम सुमेर सिंह और गोल्डी राजा है."
इस मामले में एसपी पन्ना धर्मराज मीणा का कहना है कि एक लड़की ने सूचना दी है कि उसकी आंखों में उसी के गांव के रहने वाले कुछ लोगों ने आई ड्रॉप जैसी कोई दवाई उसकी आंखों मे डाली दी है. अभी जिला कलेक्टर के माध्यम से पीड़िता को आर्थिक सहायता दी गई है.
इस मामले में पन्ना के कलेक्टर संजय मिश्रा का कहना है कि "मुख्यमंत्री जी के बिल्कुल स्पष्ट निर्देश है अगर अपराधियों पर एनएसए लगाना है तो लगाएंगे और उनकी बिल्कुल आर्थिक कमर तोड़ेंगे."
कलेक्टर ने आगे कहा कि सिविल सर्जन को निर्देश दिए गए हैं कि आई स्पेशलिस्ट को बुलाकर इनकी आंखों की जांच करवाई जाए और अगर किसी बड़े अस्पताल में भेजना होगा तो हम लोग उसकी व्यवस्था कर रहे हैं
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