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दिल्ली की एक 41 वर्षीय महिला ने कोर्ट में अपनी दर्दनाक कहानी सुनाई. महिला ने बताया कि मामा ने उनके साथ 1981 में बलात्कार किया, जब वो सिर्फ 4 साल की थीं और कक्षा 10 तक जाते-जाते उन्हें तीन बार अबॉर्शन करवानी पड़ी.
महिला ने 2016 में ही आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज करवाई थी. एडिशनल सेशंस जज उमेद सिंह गरेवाल ने कहा है कि पहली नजर में देखने पर आरोप सही लग रहे हैं. आरोपी सर्वाइवर की सौतेली बहन का पति भी है.
महिला ने कहा कि अपने मामा के करतूतों के बारे में उसने अपनी मां और परिवार के दूसरे सदस्यों को बताया था, लेकिन कोई उसकी सहायता के लिए आगे नहीं आया और उसे चुप रहने को कहा गया.
महिला ने कहा कि बाद में उसकी सौतेली बहन की शादी उससे हुई और वे दोनों उसके घर में रहने लगे. इसके बाद आरोपी लगातार उसको परेशान करता रहा.
सर्वाइवर ने शिकायत में ये भी आरोप लगाया था कि आरोपी के बेटों और दूसरे रिश्तेदारों ने उसे जान से मारने की भी धमकी दी थी. आरोपी के वकील ने कोर्ट में कहा कि ये आरोप आधारहीन और बेतुके हैं.
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