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दोनों को एक विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो अदालत मुंबई द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) के आधार पर जिले के अधिकारियों के सहयोग से गिरफ्तार किया गया है।
अदालत ने उनके खिलाफ 17 मार्च को एजेंसी द्वारा दायर याचिका के आधार पर एनबीडब्ल्यू जारी किया था। सीबीआई ने यस बैंक के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप के आधार पर इस साल सात मार्च को कपिल और धीरज के खिलाफ मामला दर्ज किया था। यस बैंक के तत्कालीन सीईओ राणा कपूर और अन्य मामले में आरोपी हैं।
सीबीआई के प्रवक्ता आर. के. गौड़ ने आईएएनएस को बताया कि सीबीआई को नौ अप्रैल को सतारा जिले में दोनों अभियुक्तों की उपस्थिति के बारे में जानकारी मिली थी। वे पंचगनी में एक सरकारी संस्थागत क्वारंटीन सेंटर में थे।
उन्होंने बताया, इसके बाद जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक सतारा को सीबीआई या अदालत के आदेश के बिना एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) जारी नहीं करने और आरोपी व्यक्तियों को फरार होने से रोकने के लिए अन्य आवश्यक कदम उठाने के लिए एक ईमेल भेजा गया था।
यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के साथ चल रहे मामले की सीबीआई जांच में पता चला है कि उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन द्वारा बिल्डर लोन की आड़ में 600 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था।
यह अप्रैल 2018 से राणा कपूर, वधावन और अन्य के बीच यस बैंक लिमिटेड द्वारा डीएचएफएल को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए आपराधिक साजिश का हिस्सा था।
राणा कपूर की पत्नी बिंदू मुख्य निवेश और राणा कपूर से जुड़ी कंपनियों में निदेशक थीं, जिनमें मॉर्गन क्रेडिट्स, यस कैपिटल (इंडिया), आरएबी व अन्य शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि अकेले दिल्ली में ही राणा कपूर के पास कथित रूप से तीन बंगले हैं। इनमें से कुछ कंपनियों के नाम सीबीआई की एफआईआर में रखे गए हैं, जिनमें डीएचएफएल का भी नाम है।
सीबीआई की एफआईआर में नाम राणा कपूर, उनकी पत्नी बिंदू राणा कपूर (आरएबी एंटरप्राइजेज के तत्कालीन निदेशक) और उनकी बेटियों रोशनी कपूर (मॉर्गन क्रेडिट्स प्राइवेट लिमिटेड और डॉयट अर्बन स्ट्राइक की निदेशक), राखी कपूर टंडन (मॉर्गन क्रेडिट्स प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक) और राधा कपूर खन्ना (मॉर्गन क्रेडिट्स प्राइवेट लिमिटेड और डूइट अर्बन वेंचर्स की निदेशक) के नाम शामिल हैं।
--आईएएनएस
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