Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019डोकलाम मुद्दा परिपक्वता के साथ सुलझाया : सुषमा

डोकलाम मुद्दा परिपक्वता के साथ सुलझाया : सुषमा

डोकलाम मुद्दा परिपक्वता के साथ सुलझाया : सुषमा

IANS
न्यूज
Published:
डोकलाम मुद्दा परिपक्वता के साथ सुलझाया : सुषमा
i
डोकलाम मुद्दा परिपक्वता के साथ सुलझाया : सुषमा
null

advertisement

नई दिल्ली, 1 अगस्त (आईएएनएस)| विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को कहा कि डोकलाम में यथास्थिति बनी हुई है और यह मुद्दा कूटनीतिक परिपक्वता के साथ सुलझा लिया गया है। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सुगता बोस के सवाल का जवाब देते हुए सुषमा ने कहा कि अप्रैल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच वुहान में हुई अनौपचारिक मुलाकात से 'ठोस उपलब्धियां' हासिल हुईं।

उन्होंने कहा कि दक्षिण चीन सागर में भारत की स्पष्ट नीति है कि वहां स्वतंत्र रूप से नौवहन की इजाजत होनी चाहिए।

उन्होंने कहा, जहां तक डोकलाम का सवाल है, मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह रही हूं कि यह कूटनीतिक परिपक्वता के साथ सुलझा लिया गया है। सेना के आमने-सामने वाली जगह(फेसऑफ साइट) पर यथास्थिति बनी हुई है और यहां एक इंच भी बदलाव नहीं हुआ है।

बोस ने पूछा कि क्या चीनी राष्ट्रपति के साथ मोदी की बातचीत के दौरान डोकलाम मुद्दा उठाया गया था।

पिछले वर्ष डोकलाम में दोनों देशों की सेनाएं 73 दिनों तक आमने-सामने थीं, जिसके बाद दोनों देशों ने अगस्त में अपनी सेनाओं को हटाने का फैसला किया।

सुषमा ने कहा कि वुहान में बनी सहमति में डोकलाम की स्थिति के बारे में भी चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने अपनी सशस्त्र सेनाओं को स्थानीय स्तर पर गलतफहमी और मतभेद समाप्त करने और इसे नहीं बढ़ाने के निर्देश दिए।

मंत्री ने कहा कि वुहान बैठक में दोनों देशों के बीच 'लोगों से लोगों के संबंध' को बढ़ाने के बारे में भी चर्चा हुई और चीन के विदेश मंत्री वर्ष के अंत में भारत आएंगे। 'इसलिए, यह एक ठोस उपलब्धि है।'

सुषमा ने कहा कि उन्होंने वुहान बैठक से पहले प्रस्तावना बैठक के लिए चीन का दौरा किया था और यह निर्णय लिया गया था कि दोनों नेता किसी एक मुद्दे पर चर्चा नहीं करेंगे, ताकि वे मुक्त होकर चर्चा कर सके ं।

उन्होंने कहा, चूंकि कोई निश्चित एजेंडा नहीं था, इसलिए डोकलाम के बारे में उल्लेख करने का कोई सवाल नहीं था।

मंत्री ने कहा कि सम्मेलन का तीन उद्देश्य था -दोनों नेताओं के बीच सहजता का स्तर, साझा समझ और साझा विश्वास को बढ़ाना।

उन्होंने कहा, मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह सकती हूं कि हम इन तीनों उद्देश्यों में सफल हुए।

बोस और विपक्ष के अन्य सदस्यों ने कहा कि मोदी को डोकलाम और चीन से संबंधित अन्य मुद्दे पर जबाव देना चाहिए।

मोदी उस वक्त सदन में मौजूद थे।

सुषमा ने हालांकि कहा कि वह इन प्रश्नों के उत्तर देने में पूरी तरह सक्षम हैं।

बोस ने हिंद महासागर में चीन की बढ़ रही उपस्थिति, जिबूती में सैन्य शिविर की स्थापना, श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह में लीज अधिकार मिलने, भारत के अन्य पड़ोसी मुल्कों में बंदरगाहों के निर्माण पर भी सवाल उठाए।

उन्होंने पूछा कि क्या मोदी ने चीनी नेतृत्व से महासागरीय क्षेत्र में भारत के अपरिवर्तनीय हितों के बारे में बात की है।

सुषमा ने कहा, यह हमारी नीति रही है कि अंतर्राष्ट्रीय समुद्री मार्गो पर नौवहन की इजाजत सभी को होनी चाहिए, जिनके क्षेत्र इन समुद्री मार्गो के अंतर्गत आते हैं। दक्षिण चीन सागर पर, हमारी स्पष्ट नीति है कि वहां नौवहन की स्वतंत्रता होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि सभी विवादों का निपटारा संयुक्त राष्ट्र के समुद्री कानूनों की संधि (यूएनसीएलओएस) के प्रावधानों के अंतर्गत होगा। चीन हमारी रुख से अवगत है।

(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT