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इस सप्ताह दिल्ली-एनसीआर में पांच विषैले सांपों को बचाया गया। जहरीले कोबरा और कॉमन क्रेट सहित कई तरह के सांप कई बार देखे गए, इसलिए रैपिड रिस्पांस यूनिट वाइल्डलाइफ एसओएस को सतर्क कर दिया गया है।
इस सप्ताह की शुरुआत में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के माही मंडावी छात्रावास में एक वार्डन के फ्लैट में मिले कॉमन क्रेट के तत्काल बचाव के लिए यूनिट को बुलाया गया था।
एक प्रोफेसर जब अपने निवास के मुख्यद्वार के पास टहल रहे थे, उन्होंने अत्यधिक जहरीले सांप को देखा। उन्होंने तुरंत वन्यजीव एसओएस की 24 गुणा 7 हेल्पलाइन से संपर्क किया।
प्रशिक्षित सांप बचाव दल के दो सदस्यीय दल को आवश्यक उपकरण के साथ तुरंत उस स्थान पर भेजा गया। दल ने सांप को सावधानी से पकड़कर एक परिवहन वाहन में डाल दिया और लेकर चले गए।
एक अन्य उदाहरण में, गुरुग्राम के सेक्टर 99 के गढ़ी हरसरू के एक फार्महाउस से 5 फुट लंबे भारतीय कोबरा को बचाया गया। एक अन्य भारतीय कोबरा भी बीपीटीपी पार्क प्राइम, गुरुग्राम के सेक्टर 66 में पाया गया। तेज धूप से राहत की तलाश में सांप भूतल की लॉबी में घुस गया था।
इसके बाद पश्चिमी दिल्ली के मुंडका में एक कारखाने में एक कर्मचारी का फोन आया, जहां फैक्ट्री परिसर से पांच फुट लंबे कोबरा को सावधानी से निकाला गया।
शुक्रवार की देर रात दक्षिणी-पश्चिमी दिल्ली के नजफगढ़-नांगलोई एक्सटेंशन के चंचल पार्क के पास एक घर में एक कोबरा बालकनी के आसपास रेंगता पाया गया। तुरंत वाइल्डलाइफ एसओएस यूनिट को कॉल कर बचाव दल को बुलाया गया।
वन्यजीव एसओएस के विशेष परियोजनाओं के उप निदेशक वसीम अकरम ने कहा, सांपों को अपने शरीर को ठंडा करने के लिए बाहरी स्रोतों की जरूरत होती है। गर्मियों के दौरान वे ठंडे स्थानों की तलाश में बाहर निकलते हैं। जब सांप का सामना होता है, तो व्यक्ति को शांत रहना चाहिए और तुरंत पेशेवरों से संपर्क करना चाहिए।
--आईएएनएस
एसजीके/एएनएम
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