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गौरतलब है कि इस साल लखनऊ में डेंगू के कुल मामलों की संख्या 1,200 को पार कर गई है और शनिवार को 44 नए मामले सामने आए। इस साल राज्य में डेंगू का आंकड़ा 11,000 के आंकड़े को पार कर गया है।
सरकार के प्रवक्ता के अनुसार सीएम आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि सभी डेंगू अस्पतालों को परीक्षण और उपचार सुविधाओं से लैस किया जाए।
मुख्यमंत्री ने घर-घर जाकर स्क्रीनिंग करने के लिए निगरानी तेज करने और सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकतार्ओं (आशा) की मदद लेने पर जोर दिया।
प्रवक्ता ने कहा, कोविड-19 के लिए समर्पित अस्पतालों की तरह हर जिले में समर्पित डेंगू अस्पतालों को चालू किया जाना चाहिए। हर जिले में प्लेटलेट और डेंगू जांच की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए।
आदित्यनाथ ने कहा कि डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की उपलब्धता, जांच की सुविधा और इलाज की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि सभी मंत्री जमीनी स्थिति पर नजर रखें और यह सुनिश्चित किया जाए कि अस्पताल में आने वाले हर मरीज को एक बिस्तर दिया जाए और उसे उचित और समय पर इलाज मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य, शहरी विकास, पंचायती राज और सूचना विभागों को व्यापक जागरूकता अभियान चलाना चाहिए, ताकि लोगों को डेंगू के कारणों, लक्षणों और रोकथाम के बारे में सटीक जानकारी मिल सके।
उन्होंने अधिकारियों को जरूरत के हिसाब से अस्पतालों में बेड बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होंने शहरी विकास और पंचायती राज विभागों को राज्य भर में नियमित रूप से सफाई और फॉगिंग सुनिश्चित करने के लिए भी कहा।
लखनऊ में छह प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी किए गए, जहां स्वास्थ्य टीमों द्वारा मच्छरों के लार्वा देखे गए।
लखनऊ के जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी योगेश रघुवंशी ने कहा, मरीजों को खुद इलाज से बचना चाहिए और डॉक्टरों की सेवा लेनी चाहिए।
-- आईएएनएस
सीबीटी
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