Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019दिल्ली चुनाव में भाजपा को मिला शिरोमणि अकाली दल का साथ

दिल्ली चुनाव में भाजपा को मिला शिरोमणि अकाली दल का साथ

दिल्ली चुनाव में भाजपा को मिला शिरोमणि अकाली दल का साथ

IANS
न्यूज
Published:
दिल्ली चुनाव में भाजपा को मिला शिरोमणि अकाली दल का साथ
i
दिल्ली चुनाव में भाजपा को मिला शिरोमणि अकाली दल का साथ
null

advertisement

नई दिल्ली, 29 जनवरी (आईएएनएस)| दिल्ली में भाजपा को एक बड़ी राहत मिली है। शिरोमणि अकाली दल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के समर्थन का ऐलान कर दिया है। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल और भाजपा के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने दिल्ली में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने भाजपा के समर्थन का ऐलान करते हुए कहा, "हमारा भाजपा के साथ पुराना नाता है और हमारी पार्टी चुनाव में भाजपा के साथ सहयोग करेगी।"

सुखबीर बादल ने अकाली दल के सभी कार्यकर्ताओं, सिख संगठनों और दिल्ली की जनता से अपील भी की कि वो भाजपा का साथ दें और पीएम मोदी के हाथों को मजबूत करें।

भाजपा के साथ नाराजगी पर सुखबीर बादल ने पर्दा उठाते हुए कहा, "हमने कभी भी भाजपा से गठबंधन नहीं तोड़ा। शिअद-भाजपा के बीच गठबंधन केवल एक राजनीतिक गठबंधन नहीं है। यह गठबंधन राजनीतिक नहीं बल्कि भावनात्मक है, दोनों दलों का गठबंधन देश और पंजाब के हित और भविष्य के लिए है।"

उन्होंने कहा, "गठबंधन में कुछ संवादहीनता की स्थिति थी और यह दूर हो गई है।"

भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने कहा, "अकाली दल का भाजपा के साथ सबसे पुराना और मजबूत गठबंधन है। मैं यह भी विश्वास दिलाता हूं कि यह गठबंधन आगे भी मजबूती से चलेगा। हमें आशा है कि दिल्ली चुनाव में सिख समुदाय का हमें समर्थन मिलेगा। नड्डा ने कहा कि आज अकाली दल ने दिल्ली में भाजपा को समर्थन देने का निर्णय किया है, और हम इसके लिए उनके आभारी हैं।"

गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा और अकाली दल पिछले 20 सालों से मिलकर चुनाव लड़ते रहे थे लेकिन इस बार अकाली दल और भाजपा का गठबंधन नहीं हो सका था।

अकाली दल, हरि नगर, तिलक नगर और शाहदरा सहित पांच विधानसभा सीटें चाहता थी। साथ ही अकाली दल अपने चुनाव चिन्ह पर विधानसभा चुनाव लड़ना चाहता था। जबकि भाजपा, अकाली दल को एक सीट पर उनके खुद के चुनाव चिह्न् पर लड़ने देना चाहती थी, बाकी सीटों पर अकाली दल के उम्मीदवारों को भाजपा अपने चुनाव चिह्न् पर लड़ाना चाहती थी।

इस तरह सीटों का मामला नहीं सुलझ पाया और अकाली दल ने भाजपा से गठबंधन से किनारा कर लिया।

अकाली दल ने जब गठबंधन नहीं करने का ऐलान किया तो उसकी वजह नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को बताया था। लेकिन सुखबीर बादल ने साफ किया कि नागरिकता कानून और एनआरसी पर शिरोमणि अकाली दल, मोदी सरकार के साथ है।

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT