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नई दिल्ली, 9 जनवरी (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहारे ही चुनाव मैदान में है। केजरीवाल बनाम कौन? इसकी घोषणा से भाजपा फिलहाल बचना चाह रही है।
पिछले अनुभवों को देखते हुए पार्टी की ओर से तय हुआ है कि अभी मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा से बचा जाए। पार्टी के नेताओं ने बताया कि विधानसभा चुनाव दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा, लेकिन मुख्यमंत्री चेहरा कौन होगा, यह फैसला चुनाव के बाद लिया जाएगा।
दिल्ली भाजपा के महामंत्री कुलदीप सिंह चहल ने इस पर सफाई देते हुए कहा, "हमारे पास नेताओं की कमी नहीं है, लेकिन सीएम कैंडिडेट के बारे में अंतिम फैसला भाजपा हाईकमान को लेना है।"
उधर, दिल्ली भाजपा के सह प्रभारी ने साफ तौर पर कहा, "हमारे पास मोदीजी का चेहरा है और उनका किया हुआ काम है।"
भाजपा ने बीते दो चुनावों में दिल्ली में चुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा कर दी थी। साल 2013 में पार्टी ने चुनाव से लगभग डेढ़ महीना पहले ही दिल्ली भाजपा के वरिष्ठ नेता और मौजूदा कैबिनेट मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को तो 2015 में सीनियर आईपीएस किरण बेदी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया था। लेकिन पार्टी को दोनों ही बार हार का सामना करना पड़ा था।
पिछले साल नवंबर में पार्टी नेता और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए मनोज तिवारी को भाजपा का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बताया था। हालांकि, पुरी ने बाद में स्पष्टीकरण देते हुए कहा था कि इससे उनका मतलब यह था कि चुनाव मनोज तिवारी की अगुवाई में लड़ा जाएगा।
तिवारी के अलावा कई और नेता मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनने की दौड़ में हैं। पश्चिमी दिल्ली से भाजपा विधायक प्रवेश वर्मा, वरिष्ठ नेता विजय गोयल, दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता और केंद्रीय मंत्री पुरी जैसे नाम चर्चा के दौरान आमतौर पर कार्यकर्ताओं के बीच लिए जाते रहे हैं।
दिसंबर में दिल्ली में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पार्टी अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को विकास कार्यो पर पश्चिम दिल्ली से विधायक प्रवेश वर्मा के साथ बहस करने की चुनौती दी थी।
शाह की इस चुनौती के बाद मुख्यमंत्री पद के चेहरे के लिए कई तरह की अटकलें भी लगाई गईं, क्योंकि बैठक के दौरान दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी और पार्टी नेता वियज गोयल भी मौजूद थे।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बताया कि पद को लेकर अभी कुछ भी तय नहीं किया गया है और चुनाव से पहले कोई नाम सामने आने की संभावना भी नहीं है। भाजपा को लगता है कि अभी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा से पार्टी को फायदा की बजाय नुकसान हो सकता है।
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