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हैदराबाद, 6 जनवरी (आईएएनएस)| एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने नकाबपोश गुंडों को जेएनयू में छात्रों व प्राध्यापकों पर न केवल आधे घंटे तक क्रूरतापूर्ण हमला करने दिया, बल्कि उत्पात मचाने के बाद उन्हें सुरक्षित भागने का रास्ता दिया। हैदराबाद के सांसद ने हमले की कड़ी निंदा की और उत्पात मचाने वालों को 'देश विरोधी' तत्व करार दिया।
उन्होंने सवाल किया कि राष्ट्रीय राजधानी में इस तरह के हमले करवाकर नरेंद्र मोदी सरकार दुनिया को क्या संदेश देना चाहती है?
ओवैसी ने संवाददाताओं से कहा, "यह सुनियोजित हिंसा जिन कायरों ने की, उन्हें निश्चित रूप से सत्ताधारी पार्टी का समर्थन मिला हुआ है। इसमें कोई संदेह नहीं कि शामिल रहे लोगों को सत्ता से हरी झंडी मिली रही होगी।"
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख ने कहा कि हमलावर अपना चेहरा ढके हुए थे, मगर उनकी विचारधारा उजागर हो गई।
एबीवीपी के इस दावे पर कि हमले में उनके लोग शामिल नहीं थे, ओवैसी ने सवाल उठाया, "क्या वे यह कहने की कोशिश कह रहे हैं कि हमलावर मंगल ग्रह से आए एलियन थे?"
ओवैसी ने इससे पहले ट्वीट कर कहा था कि वह जेएनयू के बहादुर छात्रों के साथ हैं। उन्होंने लिखा, "इस बर्बर हमले का मतलब है कि जेएनयू के छात्रों को सजा दी गई, क्योंकि वे खिलाफत के लिए खड़े हुए।"
ओवैसी ने कहा, "यह कितना बुरा है कि केंद्रीय मंत्रियों को ट्वीट कर कहना पड़ा कि वे लाचार हैं। मोदी सरकार जवाब दे कि पुलिस गुंडों की तरफदारी में क्यों लगी है।"
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