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दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) में अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए छात्रों को कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (Common Entrance Test) पास करना होगा. मंगलवार को दिल्ली विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल ने सीयूसीईटी यानी सेंट्रल यूनिवर्सिटी कॉमन एंटरेंस टेस्ट को मंजूरी दे दी. इस प्रावधान के अंतर्गत 12वीं कक्षा में अर्जित किए गए अंकों के आधार पर अब कॉलेजों में दाखिला नहीं मिलेगा. कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट पास करना होगा. काउंसिल की बैठक में 9 सदस्य इस नए प्रावधान के विरोध में थे, लेकिन बहुमत के आधार पर विश्वविद्यालय एकेडमिक काउंसिल ने इस प्रस्ताव को स्वीकृत कर लिया है.
दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद के सदस्य प्रोफेसर मिथुराज धूसिया ने बैठक के बाद कहा कि CUET के माध्यम से स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने में बहुत दिक्कत है, क्योंकि इसमें छात्रों के 12वीं कक्षा के अंकों को ध्यान में नहीं रखा जाता है. इस प्रकार यह 12वीं कक्षा के अध्ययन और अंकों का अवमूल्यन है.
UGC के मुताबिक सेंट्रल यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट यानी सीयूसीईटी के अंतर्गत अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में दाखिले की प्रक्रिया अप्रैल महीने के प्रथम सप्ताह से शुरू होगी. UGC का कहना है कि यह परीक्षाएं 13 विभिन्न भारतीय भाषाओं में आयोजित करवाई जाएंगी. विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट की प्रक्रिया लागू होने से 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में अर्जित किए जाने वाले अंकों का महत्व इस दाखिला प्रक्रिया में नहीं रह जाएगा.
DU, JNU, BHU समेत देश भर के अधिकांश विश्वविद्यालय अब खुल चुके हैं. यहां फिजिकल कक्षाएं प्रारंभ हो चुकी हैं. विश्वविद्यालयों के मुताबिक इस साल प्रथम वर्ष का नया बैच भी समय पर शुरू होगा.
साल 2022-23 में लगभग सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ग्रेजुएशन पाठ्यक्रमों के दाखिले सेंट्रल यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट यानी CUET से होंगे. हालांकि साल 2022-23 में भी कई विश्वविद्यालयों में पीजी पाठ्यक्रमों में दाखिला पहले की ही तरह होगा.
केंद्रीय विश्वविद्यालय बकायदा कॉमन एंट्रेंस टेस्ट को लेकर विश्वविद्यालयों की एकेडमिक काउंसिल और एग्जिक्यूटिव काउंसिल में प्रस्ताव भी पास कर रहे हैं.
बता दें, दिल्ली विश्वविद्यालय ने जहां ग्रेजुएशन पाठ्यक्रमों में दाखिले CUET से होंगे, वहीं पोस्ट ग्रेजुएट और पीएचडी दाखिला प्रक्रिया में अभी तक बदलाव नहीं हुआ है. पीजी और पीएचडी में पहले की ही भांति दाखिला दिया जाएगा. डीयू प्रशासन ने आधिकारिक नोटिस के जरिए इसकी पुष्टि भी की है.
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