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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को कहा कि उसने उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी और उनके सहयोगियों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जांच शुरू कर दी है।
अधिकारी ने कहा कि, जांच के दौरान, यह सामने आया कि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा विकास कंस्ट्रक्शन के खिलाफ सार्वजनिक और सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर गोदाम बनाने के लिए दो और प्राथमिकी दर्ज की गई थी। गोदामों का निर्माण यूपी के मऊ और गाजीपुर जिले में किया गया था। विकास कंस्ट्रक्शन का संचालन अफशान अंसारी (मुख्तार की पत्नी) और उसके दो भाई आतिफ रजा और अनवर शहजाद और अन्य दो व्यक्ति रवींद्र नारायण सिंह और जाकिर हुसैन कर रहे थे।
जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश पुलिस ने राज्य के मऊ जिले में दर्ज एक प्राथमिकी में पहले ही आरोप पत्र दाखिल कर दिया था जिसमें विकास कंस्ट्रक्शन के सभी भागीदारों को आरोपी बनाया गया था। ईडी ने कहा कि जांच के दौरान पता चला कि विकास कंस्ट्रक्शन ने मऊ और गाजीपुर जिलों में सार्वजनिक और सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बने गोदामों को किराए पर देकर भारतीय खाद्य निगम से 15 करोड़ रुपये की वसूली की।
इस किराए का उपयोग विकास कंस्ट्रक्शन और अफशान अंसारी के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने के लिए किया गया था। अचल संपत्तियों का पता लगाने के बाद, ईडी ने अस्थायी रूप से 1.48 करोड़ रुपये की सात अचल संपत्तियों को कुर्क किया है। पंजीकरण के समय कुर्क की गई संपत्तियों का सर्किल रेट 3.42 करोड़ रुपये था.
--आईएएनएस
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