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छवि रंजन फिलहाल झारखंड सरकार में सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट के डायरेक्टर हैं। वह कुछ महीने पहले तक रांची के डिप्टी कमिश्नर के तौर पर पोस्टेड थे। उनके कार्यकाल में सेना की लगभग साढ़े चार एकड़ जमीन के अलावा कई अन्य भू-खंडों की खरीद-बिक्री फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किए जाने का घोटाला हुआ है।
बता दें कि बीते 13 अप्रैल को ईडी की टीमों ने आईएएस छवि रंजन सहित 18 लोगों के झारखंड, बिहार, बंगाल स्थित 21 ठिकानों पर छापामारी की थी।
ईडी ने छापामारी के दौरान छवि रंजन से पूछताछ भी की थी। इस दौरान जमीन-जायदाद के सैकड़ों डीड, कागजात, हेराफेरी के लिए तैयार किए गए फर्जी दस्तावेज, सील-मुहर, अंचल कार्यालय के सरकारी रजिस्टर आदि बरामद किए गए थे।
इस सिलसिले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें ईडी रिमांड पर लेकर पहले से पूछताछ कर रही है। इनमें बंगाल के आसनसोल निवासी कारोबारी प्रदीप बागची, सीआई भानु प्रताप, अफसर अली, इम्तियाज खान, तल्हा खान, फैयाज खान और मोहम्मद सद्दाम शामिल हैं।
गिरफ्तार किए गए लोगों ने ईडी से पूछताछ में बताया है कि जमीन की गलत तरीके से खरीद-बिक्री के लिए रजिस्ट्री और अंचल ऑफिस के दस्तावेजों में हेर-फेर की गई थी।
इस बात का भी खुलासा हुआ कि सेना की जिस साढ़े चार एकड़ जमीन की अवैध तरीके से बिक्री की गई है, उसकी रजिस्ट्री डीसी छवि रंजन के आदेश पर की गई थी। अवर निबंधक ने इसका जिक्र जमीन की डीड में किया है।
ईडी ने छापेमारी के दौरान आईएएस छवि रंजन से उनका मोबाइल लेकर जांच की थी। इसमें पाया गया कि उन्होंने जमीन हेराफेरी से जुड़े मामले में ईडी की संभावित कार्रवाई और पूछे जाने वाले सवालों के जवाब तैयार कर रखे थे।
इस मामले में ईडी ने आईएएस छवि रंजन को पहला समन 17 अप्रैल को जारी कर 21 अप्रैल को ईडी जोनल ऑफिस पहुंचने को कहा था, लेकिन वे नहीं पहुंचे। उन्होंने अपने वकील के जरिए दो हफ्ते का समय मांगा। इस पर ईडी ने उसी दिन दोबारा समन जारी कर शाम चार बजे तक ऑफिस आने को कहा। इसके बाद भी वे हाजिर नहीं हुए, फिर ईडी ने तीसरा समन जारी किया और 24 अप्रैल को दफ्तर पहुंचने को कहा।
इसी मामले में कोलकाता के एडिशनल रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस त्रिदिप मिश्रा को भी ईडी ने समन भेजा है। उन्हें आगामी दो मई को रांची स्थित ईडी कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। दरअसल रांची में जिन जमीनों की खरीद-बिक्री में फजीर्वाड़ा हुआ है, उसके दस्तावेज बंगाल में तैयार किए गए हैं।
--आईएएनएस
एसएनसी/एसकेपी
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