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ED ने बुधवार को कहा कि उसने हाल ही में दिल्ली, गुरुग्राम (हरियाणा), मुंबई, बेंगलुरु और सलेम (तमिलनाडु) में ऐप-आधारित टोकन के दुरुपयोग से संबंधित एक जांच के संबंध में विभिन्न संस्थाओं द्वारा एचपीजेड और इसी तरह की अन्य एप्लिकेशन्स के नाम से तलाशी अभियान चलाया।
एचपीजेड टोकन और अन्य के खिलाफ साइबर अपराध पुलिस स्टेशन, कोहिमा, नागालैंड द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मामला दर्ज किया गया था।
अधिकारी ने कहा कि एचपीजेड टोकन एक ऐप-आधारित टोकन था, जो उपयोगकर्ताओं को बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के लिए खनन मशीनों में निवेश के खिलाफ उच्च रिटर्न का वादा करता था।
ईडी अधिकारी ने कहा, ईडी की जांच से पता चला है कि लिलियन टेक्नोकैब प्राइवेट लिमिटेड और शिगू टेक्न ॉलोजी प्राइवेट लिमिटेड टोकन के नाम पर संचालन और निवेशकों से धन एकत्र करने में शामिल थे।
ईडी के अधिकारी ने आगे कहा कि उन्हें जांच के दौरान पता चला कि एक भूपेश अरोड़ा और अन्य का शिगू टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड पर नियंत्रण था और इस कंपनी और विभिन्न अन्य संस्थाओं में अनरजिस्टर्ड गेमिंग ऐप्स/वेबसाइट का संचालन करने में लिप्त था और विभिन्न अन्य संस्थाएं इन ऐप्स/वेबसाइट की आड़ में भोली-भाली जनता से धोखे से धन एकत्र कर रही थीं।
चेन्नई स्थित एक इकाई और क्रिप्टो संपत्तियों में अपराध की आय की लूट में शामिल संबंधित व्यक्तियों पर भी खोज की गई।
छापेमारी के दौरान पीएमएलए के तहत 29.5 करोड़ रुपये की कुल राशि जब्त कर ली गई। यह विभिन्न बैंक खातों/डीमैट खातों में पड़ा हुआ पाया गया।
अधिकारी ने कहा कि तलाशी के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य भी मिले और उन्हें जब्त किया गया।
मौजूदा जब्ती के साथ इस मामले में अब कुल जमा राशि 86.5 करोड़ रुपये हो गई है।
मामले में आगे की जांच जारी है।
--आईएएनएस
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