Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019ईडी ने एबीजी शिपयार्ड के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया

ईडी ने एबीजी शिपयार्ड के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया

अब ईडी निदेशकों को जांच में शामिल होने के लिए अपने अधिकारियों के सामने बयान दर्ज कराने के लिए तलब कर सकता है.

IANS
न्यूज
Published:
<div class="paragraphs"><p>ईडी ने एबीजी शिपयार्ड के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया</p></div>
i

ईडी ने एबीजी शिपयार्ड के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया

(फोटो- आईएएनएस)

advertisement

नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। एबीजी शिपयार्ड ऋण धोखाधड़ी मामले में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।

यह मामला भारतीय स्टेट बैंक द्वारा कंपनी और उसके निदेशकों के खिलाफ बैंकों के एक संघ को 22,842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने की शिकायत पर सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर दर्ज किया गया था।

ईडी ने सीबीआई से मामले से जुड़े प्रासंगिक दस्तावेज सौंपने को कहा था और मामले की जांच शुरू की थी। प्रारंभिक जांच करने और कानूनी राय लेने के बाद ईडी ने पीएमएलए का मामला दर्ज करने का फैसला किया।

अब ईडी निदेशकों को जांच में शामिल होने के लिए अपने अधिकारियों के सामने बयान दर्ज कराने के लिए तलब कर सकता है।

इस मामले में कंसोर्टियम में 28 बैंक शामिल हैं, जो सीसी ऋण, सावधि ऋण, ऋणपत्र, बैंक गारंटी आदि के रूप में कंपनी को भारी मात्रा में संवितरण करते हैं, जो बैंकों द्वारा अग्रिम के रूप में दिए गए थे।

धोखाधड़ी मुख्य रूप से एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा अपने संबंधित पक्षों को भारी हस्तांतरण और बाद में समायोजन प्रविष्टियां करने के कारण हुई है। यह भी आरोप है कि बैंक ऋणों को डायवर्ट करके इसकी विदेशी सहायक कंपनी में भारी निवेश किया गया था और धन को इसके संबंधित पक्षों के नाम पर बड़ी संपत्ति खरीदने के लिए भी भेजा गया था।

एबीजी शिपयार्डस ने इंडियन ओवरसीज बैंक से 1,228 करोड़ रुपये, पंजाब नेशनल बैंक से 1,244 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा से 1,614 करोड़ रुपये, आईसीआईसीआई बैंक से 7,089 करोड़ रुपये और आईडीबीआई बैंक से 3,634 करोड़ रुपये का कर्ज लिया और फिर डिफॉल्ट किया। प्रारंभ में बैंकों ने एक आंतरिक जांच शुरू की, जिसमें यह पाया गया कि कंपनी अलग-अलग संस्थाओं को धन भेजकर संघ को धोखा दे रही थी।

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT