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लोकसभा चुनाव चल रहे हैं और इस वक्त सीबीएसई ने एक ऐसा कदम उठाया है जो हैरान करने वाला है. सीबीएसई ने 10वीं क्लास के सोशल साइंस के सिलेबस से डेमोक्रेसी और डायवर्सिटी पर बेस्ड चैप्टर ही हटा दिए हैं. ये चैप्टर 10वीं के ‘डेमोक्रेसी एंड डायवर्सिटी’ किताब से साल 2019-20 के लिए हटाया गया है. इन चैप्टर्स के नाम हैं-
कई शिक्षाविदों और शिक्षकों की ये राय है कि सीबीएसई का ये कदम गलत है. पंजाब यूनिवर्सिटी के एजुकेशन विभाग की प्रोफेसर सतविंदरपाल कौर ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि जो चैप्टर सिलेबस से हटाए गए हैं वो बच्चों के लिए काफी अहम हैं क्योंकि वो उनको देश के पुराने संघर्षों के बारे में समझाते हैं. उन्होंने कहा कि जो किया गया है वो अच्छा नहीं है और लंबे समय के लिए इसके नुकसान ज्यादा हैं.
एनसीईआरटी के चेयरमैन के मुताबिक ये फैसला एनसीईआरटी को करना चाहिए न कि सीबीएसई को. बता दें कि चैप्टर हटाने के मामले में एनसीईआरटी भी कम नहीं है, उसने भी पहले डेमोक्रेसी, कास्ट स्ट्रगल और कॉलोनियलिज्म जैसे चैप्टर हटाए हैं.
एनसीईआरटी के डायरेक्टर ऋषिकेश सेनापती ने इसी बीच ये कहा कि ये चैप्टर पूरी तरह से लोकतांत्रिक प्रक्रिया के बाद हटाए गए हैं. सेनापति के मुताबिक एक लाख 27 हजार लोगों से एक पब्लिक ओपिनियन मंगवाया गया था. जिसके बाद ही ये फैसला लिया गया है. लेकिन उन्होंने इस बात का कोई जवाब नहीं दिया कि जो चैप्टर हटाए गए हैं उनको हटाने से पहले लेखकों से बात क्यों नहीं की गई.
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