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चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की सफल लैंडिग के बाद हर भारतीय अपने-आपको को गौरवान्वित महसूस कर रहा है. इस सफलता के पीछे ISRO के वैज्ञानिकों की दिन रात की मेहनत शामिल है. चंद्रयान-3 टीम का हिस्सा वैज्ञानिक कई युवाओं की इंस्पिरेशन बन गए हैं. अब युवाओं में Indian Space Research Organisation (ISRO) में शामिल होने का उत्साह बढ़ गया है. कई मां-बाप भी अपने बच्चों को अब ISRO का वैज्ञानिक बनाना चहाते हैं. लेकिन, सवाल है कि यहां तक पहुंचा कैसे जाए? ISRO में नौकरी पाने के लिए कौन सा कोर्स करें? कहां एडमिशन लें? इस पूरे प्रोसेस को आज इस लेख में हम आपको बताएंगे.
ISRO में नौकरी करने के लिए आपका 12th साइंस स्ट्रीम (फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स) से होना बहुत जरूरी है. ISRO अपने यहां दो तरह की वैकेंसी निकालता है. एक डायरेक्ट ISRO सेंट्रल रिक्रूटमेंट बोर्ड (ICRB) से और दूसरा देश के चुनिदा इंस्टीट्यूशन से कैंपस प्लेसमेंट करके.
IISc, IIT और NIT से डिग्री लेने वाले मेधावी छात्रों को डायरेक्ट प्लेसमेंट के जरिए ISRO में लिया जाता है. मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, फिजिक्स इंजीनियरिंग, रेडियो इंजीनियरिंग और अन्य संबंधित विषयों से पढ़ाई करने वाले छात्र इसरो के रिक्रूटमेंट में हिस्सा ले सकते हैं. 75% से ज्यादा नंबर लाने वाले छात्रों को प्राथमिकता दी जाती है.
IIST की स्थापना भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की आवश्यकता को पूरा करने और अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से 2007 में तिरुवनंतपुरम में हुई थी. इसको मैनेज ISRO द्वारा ही किया जाता है. ये इंस्टीट्यूशन अंडर ग्रेजुएट B.Tech और मास्टर्स M.Tech दोनों कराता है. इसमें टोटल अंडर ग्रेजुएट सीट 174 हैं.
इसके अलावा आप भारत सरकार से मान्यता प्राप्त किसी भी कॉलिज से संबंधित विषयों में 65% या इससे ज्यादा मार्कस से डिग्री प्राप्त करने के बाद ICRB की परीक्षा दे सकते हैं और ISRO में नौकरी पा सकते हैं.
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