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देशभर में छात्रों के विरोध के बावजूद, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) 1 सितंबर से 6 सितंबर के बीच JEE मेन की परीक्षा आयोजित कराने जा रही है. ऐसे में आखिरी समय पर छात्रों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, ये जानने के लिए क्विंट ने FITJEE ग्रुप के एक्सपर्ट रमेश बटलिश से बात की. बटलिश ने ये भी बताया कि NIT में दाखिले के लिए छात्रों को JEE के एग्जाम में कम से कम कितने सवालों को अटेम्प्ट करना होगा. जानिए सभी सवालों के जवाब.
मैं जनवरी में ही JEE मेन में बैठ चुका हूं. मुझे इस बार किसपर फोकस करना चाहिए?
बटलिश के मुताबिक, वो स्टूडेंट्स जो जनवरी में JEE मेन में बैठ चुके हैं और सितंबर में अपना स्कोर सुधारने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें उन सवालों पर ध्यान देना चाहिए, जिनमें जनवरी में उन्हें नंबर गंवाने पड़े हैं.
बल्कि जो स्टूडेंट्स सितंबर में पहली बार JEE मेन में बैठ रहे हैं, वो जनवरी में पूछे गए सवालों को मॉक टेस्ट की तरह कर सकते हैं.
परीक्षा से पहले क्या रखें स्ट्रैटेजी?
JEE मेन का एग्जाम दो शिफ्ट में होगा. इसलिए ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट करें और जितने समय में अपनी मेन परीक्षा लिखेंगे, उतने समय में ही मॉक टेस्ट पूरा करने की कोशिश कीजिए.
स्टूडेंट्स NTA के Abhays ऐप पर मॉक टेस्ट देख सकते हैं. छात्र पिछले सालों के पेपर को भी मॉक टेस्ट की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं. छात्र आखिरी समय में कुछ नया पढ़ने से बचें और जो महीनों से तैयारी करते आ रहे हैं, उसी पर ध्यान दें.
परीक्षा के लिए कोई टिप्स?
स्टूडेंट्स को अनुमान लगाने से बचना चाहिए और केवल उन्हीं प्रश्नों का प्रयास करना चाहिए जिनका जवाब उन्हें मालमू हो. क्योंकि एग्जाम में नेगेटिव मार्किंग भी है, इसलिए केवल उन्हीं सवालों को अटेम्प्ट करें जिसका जवाब पता है.
अलग-अलग सेक्शन के बीच समय कैसे बांटें?
बटलिश के मुताबिक, JEE मेन में तीन कैटेगरी होती हैं:
उनका कहना है कि तीन घंटे लंबे JEE मेन के पेपर को दो राउंड में करने का प्रयास किया जाना चाहिए और पहले राउंड में आसान कैटेगरी के सवालों पर ध्यान देना चाहिए.
दूसरे राउंड में मॉडरेट कैटेगरी के सवालों का जवाब देना चाहिए जहां कैलकुलेशन लंबे हो सकते हैं. अगर स्टूडेंट्स को लग रहा है कि मुश्किल कैटेगरी में ज्यादा वक्त लगेगा और नेगेटिव मार्किंग हो सकती है, तो उस सेक्शन को छोड़ देना चाहिए.
NIT में दाखिले के लिए कितने सवाल अटेम्प्ट करने होंगे?
JEE मेन की परीक्षा 300 अंकों की होती है, जिसमें से 3 सबजेक्ट के 25-25 क्वेश्चन हैं. अगर ये माना जाए कि एक सवाल का जवाब देने में 4 मिनट का समय लग रहा है, तो स्टूडेंट पहले राउंड में तीनों सबजेक्ट के कम से कम 10 आसान सवालों का सही जवाब दें.
एक सबजेक्ट के 10 सवालों का जवाब देने में 40 मिनट लगेंगे. ऐसे में, पहले राउंड में स्टूडेंट्स 120 मिनट में 30 सही सवालों का जवाब दें पाएंगे, यानी कि 120 अंक पक्के हैं.
सेकेंड राउंड में कितने सवालों को अटेम्प्ट करने पर ध्यान देना चाहिए?
सेकेंड राउंड में स्टूडेंट्स को आइडिया लग जाएगा कि कौन सा सवाल आसान है और कौन सा मुश्किल. इसमें आसान सबजेक्ट से शुरू करें और जितने हो सकें उतने आसान सवालों का जवाब दें.
दूसरे राउंड में स्टूडेंट्स हर सबजेक्ट्स से 5 सवालों का जवाब देने की कोशिश करें. इससे उन्हें 60 नंबर मिल जाएंगे. दोनों राउंड्स को मिलाकर, स्टूडेंट्स को 300 में से 180 अंक मिलेंगे. परीक्षा में 60 से 70 फीसदी नंबर आने से स्टूडेंट NIT में अपनी सीट पक्की कर सकते हैं.
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