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टॉप विदेशी बिजनेस स्कूलों की ओर तेजी से क्यों बढ़ रहे हैं भारतीय?

चार गुना ज्यादा आवेदन

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शिक्षा
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चार गुना ज्यादा आवेदन
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चार गुना ज्यादा आवेदन
(फोटो: iStock)

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कोरोना वायरस महामारी के बावजूद विदेश के कई प्रख्यात बिजनेस स्कूल और STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स) कोर्स में एडमिशन के लिए लगातार भारत से आवेदन के प्रयास किए जा रहे हैं. शिक्षा सलाहकारों का कहना है कि यह स्तिथि भारत में वैश्विक आर्थिक संकट 2008 में भी देखी गई थी. अभ्यर्थियों को ऐसा लगता है कि जब तक उनकी पढ़ाई खत्म होगी, तब तक देश की आर्थिक व्यवस्था समय के साथ पटरी पर वापस लौट आएगी.

इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ReachIvy.com की संस्थापक और सीईओ विभा कागजी ने यह जानकारी दी कि वैश्विक स्तर के टॉप B-school में एडमिशन के लिए पूछताछ और नामांकन में तकरीबन 35% इजाफा हुआ है. साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, पब्लिक पॉलिसी, लॉ, एजुकेशन, मार्केटिंग और साइकोलॉजी में स्नातक और मास्टर प्रोग्राम के लिए भी आवेदन में 20-25% बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

नौकरी से ज्यादा उच्च-शिक्षा पर जोर

रिपोर्ट का कहना है कि आर्थिक तंगी के मद्देनजर नौकरी से ज्यादा लोगों का उच्च-शिक्षा की ओर ध्यान केंद्रित है. कागजी ने कहा कि ऐसा मार्केट में नौकरियां सीमित होने की वजह से है, और जितनी नौकरी हैं उनमें सैलरी की कटौती और छंटनी की मार अधिक है. कागजी का मानना है कि Ivy League Education को एक निवेश के तौर पर देखा जाता है, जो आगे चलकर लाभ देगा.

इस साल कई टॉप यूनिवर्सिटी GRE (Graduate Record Examination) और GMAT (Graduate Management Admission Test) एंट्रेंस परीक्षा में विशेष राहत भी दे रही हैं. यह प्रावधान मुख्य रूप से उन स्टूडेंट्स के लिए है, जो अप्लाई करने में हिचकिचा रहे थे. 
विभा कागजी, ReachIvy.com की संस्थापक और सीईओ

टॉप कॉलेज में दाखिला कराने वाली कंपनी Admission Gateway के सीईओ राजदीप चिमनी का कहना है, "आर्थिक तंगी के दौरान युवा विदेश में शिक्षा हासिल करने जाते हैं, ताकि देश की आर्थिक स्तिथि सुधर सके. ग्रैजुएट होने के बाद वो जॉब मार्केट का फायदा उठा सकते हैं."

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चार गुना ज्यादा आवेदन

रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल Harvard, Wharton, Kellogg, Columbia जैसी यूनिवर्सिटियों को अबतक सबसे अधिक आवेदन मिल चुके हैं. टॉप विदेश के कॉलेज में दाखिले के लिए सलाह/ परामर्श देने वाली कंपनी Collegify के सह संस्थापक आदर्श खंडेलवाल का कहना है कि Harvard, INSEAD HEC PARIS, Rotman school of management में दाखिले के लिए पहले से चार गुना अधिक आवेदन आ रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि UG program में मैथ्स के लिए अधिक आवेदन है क्योंकि इससे फाइनेंस या कंसल्टिंग में नौकरी आसानी से मिलती है.

साउथ एशिया ग्रेजुएट मैनेजमेंट एडमिशन काउंसिल के रीजनल डायरेक्टर गौरव श्रीवास्तव ने कहा कि विदेशी यूनिवर्सिटी उत्सुकता से चाहती हैं कि अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी दाखिला लें, खासकर भारत से. उन्होंने यह जानकारी दी कि इस साल टॉप विदेशी संस्थानों ने अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए कई नई स्कॉलरशिप की योजना लागू की हैं.  

इकनॉमिक टाइम्स से खंडेलवाल ने कहा कि भारतीयों को यूएस-चीन तनाव का फायदा भी मिल सकता है.

रिपोर्ट बताती है कि हर साल भारत से 250,000- 30,000 छात्र विदेश में शिक्षा के लिए जाते है. विदेशी शिक्षा सलाहकार कंपनी Collegify और Yocket के अनुसार, इस बार 50% से ज्यादा छात्रों ने महामारी को ध्यान में रखकर कदम पीछे खींच लिए हैं.

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